Edited By ASHISH KUMAR, Updated: 11 Mar, 2019 11:32 AM
मध्य प्रदेश में हो रहे ताबड़तोड़ तबादलों से सरकार पहले से ही सवालों के घेरे में हैं। अब जब मतदान केंद्रों का काम देखने वाले सेक्टर ऑफिसर के तबादले कर दिए गए हैं तो सरकार की परेशानी और बढ़ सकती है...
भोपाल: मध्य प्रदेश में हो रहे ताबड़तोड़ तबादलों से सरकार पहले से ही सवालों के घेरे में हैं। अब जब मतदान केंद्रों का काम देखने वाले सेक्टर ऑफिसर के तबादले कर दिए गए हैं तो सरकार की परेशानी और बढ़ सकती है।
बता दें कि, चुनाव आयोग ने प्रदेश सरकार से तीन साल से एक स्थान पर जमे अधिकारियों को हटाने के लिए कहा था, लेकिन इसकी आड़ में विभागों ने चुनाव ड्यूटी में लगाए अधिकारियों का ही तबादला कर दिया। इसमें बड़ी तादाद में मतदान केंद्रों का काम देखने वाले सेक्टर ऑफिसर के तबादले कर दिए गए हैं। इस काम में जिला निर्वाचन अधिकारियों ने एक दर्जन से ज्यादा विभाग के मैदानी अधिकारियों की ड्यूटी लगाई थी। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी वीएल कांताराव का कहना है कि तबादलों से चुनाव का काम प्रभावित तो नहीं हो रहा है, इसका आकलन करवाया जाएगा।
चुनाव आयोग ने मतदान केंद्रों की व्यवस्था, निरीक्षण और सहायक रिटर्निंग ऑफिसर को सहायता देने के लिए हर जिले में 35 से 40 सेक्टर अधिकारियों की तैनाती की है। जिला निर्वाचन अधिकारी ने अपनी सहूलियत के हिसाब से अधिकारियों का चयन करके इन्हें फरवरी में प्रशिक्षण भी दिलवा दिया।
इसके बावजूद विभागों ने सेक्टर अधिकारियों के तबादले कर दिए। इतना ही नहीं, कलेक्टरों के माध्यम से आनन-फानन में इन्हें कार्यमुक्त भी करवाया जा रहा है। उधर, मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय के अधिकारियों का कहना है कि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर जिन अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई थी और प्रशिक्षण भी दिलाया जा चुका है, उन्हें नहीं हटाया जाना चाहिए।