Edited By Himansh sharma, Updated: 04 May, 2024 04:17 PM
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने कहा है की पत्नी के साथ अननेचुरल सेक्स रेप की श्रेणी में नहीं आता
भोपाल। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने कहा है की पत्नी के साथ अननेचुरल सेक्स रेप की श्रेणी में नहीं आता चूंकि वैवाहिक बलात्कार आईपीसी के तहत अपराध नहीं है, इसलिए सहमति महत्वहीन हो जाती है। इसके साथ ही कोर्ट ने पति पर दर्ज FIR को निरस्त करने के आदेश भी दे दिए हैं। पति ने याचिका लगाई थी कि उसने 2019 में शादी की थी। शादी के बाद कुछ दिन तो सब कुछ ठीक चला लेकिन कुछ दिन बाद दोनों के बीच विवाद होने लगा। 2020 से पत्नी उस से अलग रह रही है और पत्नी अपने मां-बाप के साथ रह रही है।
पत्नी ने दहेज उत्पीड़न के लिए उसके और उसके परिवार के सदस्यों पर एफआईआर दर्ज कराई है और अभी मामला अदालत में है। इसके बाद पत्नी ने पति पर एक और मामला दर्ज कराया। इस बार पति पर अप्राकृतिक यौन संबंध का आरोप लगाया। नरसिंहपुर पुलिस ने जीरो पर केस दर्ज कर मामला जबलपुर कोतवाली भेज दिया। इसके बाद 14 फरवरी 2023 को पति ने इस FIR को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में चुनौती दी। इस याचिका पर जस्टिस जीएस अहलूवालिया ने गुरुवार को सुनवाई की और शुक्रवार को हाई कोर्ट की वेबसाइट पर फैसला अपलोड किया गया।
याचिकाकर्ता पति के वकील से मिली जानकारी के अनुसार पति-पत्नी के बीच विवाद चल रहा था और पत्नी ने अपने पति पर जबरन अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने का आरोप भी लगाया था। हाई कोर्ट ने यह कहते हुए FIR निरस्त करने के आदेश दिए हैं कि पति पत्नी के मामले में धारा 377 लागू नहीं होती।