इंदौर बावड़ी हादसा: 36 लोगों की मौत के दोषियों की जल्द होगी गिरफ्तारी ! हाईकोर्ट दिए सख्त निर्देश

Edited By meena, Updated: 19 Jan, 2024 07:39 PM

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इंदौर के बेलेश्वर मंदिर में हुए बावड़ी हादसे में 36 लोगों की मौत के मामले में शुक्रवार को हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने जनहित याचिका पर फैसला सुनाते हुए कड़ी आपत्ति ली है...

इंदौर(सचिन बहरानी): इंदौर के बेलेश्वर मंदिर में हुए बावड़ी हादसे में 36 लोगों की मौत के मामले में शुक्रवार को हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने जनहित याचिका पर फैसला सुनाते हुए कड़ी आपत्ति ली है। कोर्ट ने मजिस्ट्रियल जांच रिपोर्ट में दोषी पाए गए लोगों को घटना के साल पूरे होने से पहले गिरफ्तार करने के आदेश दिए हैं। साथ ही शहर की सभी बावड़ियों को फिर से पुर्नरस्थापित करने के आदेश नगर निगम और जिला प्रशासन को दिए हैं। वहीं सीबीआई जांच की मांग को खारिज करते हुए मजिस्ट्रियल जांच को सही ठहराया है।

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पिछले साल 30 मार्च को इंदौर में हुए बावड़ी हादसे को लेकर दर्ज जनहित याचिका में सुनवाई करते हुए इंदौर हाईकोर्ट ने मजिस्ट्रियल जांच और आपराधिक प्रकरण की 265 पन्नों की स्टेटस रिपोर्ट को सही ठहराया है और पुलिस प्रशासन पर 11 महीने पहले मिली जांच रिपोर्ट पर कार्रवाई ना करने पर कड़ी आपत्ति जताई है। न्यायलय ने जांच रिपोर्ट में दोषी पाए गए सभी आरोपियों की गिरफ्तारी ना होने पर भी नाराजगी जाहिर की रिपोर्ट में बलेश्वर मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष, सचिव, नगर निगम के तत्कालीन और वर्तमान ज़ोनल अधिकारी और जल संसाधन विभाग के तत्कालीन और वर्तमान अधिकारियों को हादसे के लिए दोषी ठहराया है। न्यायमूर्ति विवेक रुसिया और न्यायमूर्ति अनिल वर्मा की डबल बेंच ने याचिका पर सुनवाई करते हुए शहर की सभी बावड़ियों और पौराणिक कुओं को संरक्षित करने के आदेश दिए हैं जिसमें बेलेश्वर महादेव की वह बावड़ी भी शामिल है जिसे घटना के बाद निगम के मिट्टी डालकर पूरी तरह से बंद कर दिया था।

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इस मामले में पूर्व पार्षद महेश गर्ग और कांग्रेस नेता प्रमोद द्विवेदी ने वकील मनीष यादव और वकील अदिति मनीष यादव के माध्यम से दो जनहित याचिका दायर कर उच्च न्यायालय से हस्तक्षेप की मांग की थी। दोनों याचिकाओं में हादसे में मृत हुए लोगों के परिजनों को 25-25 लाख का मुआवजा देने, दोषियों पर कड़ी आपराधिक कार्रवाई करने, दोषी नेताओं के खिलाफ जांच, शहर की विभिन्न बावड़ियों और कुओं से तत्काल कब्जे हटाने और मामले की जांच उच्च न्यायालय की निगरानी में गठित कमेटी से कराए जाने की मांग की गई थी। सुनवाई में न्यायलय ने सीबीआई जांच को खारिज कर दिया। वहीं मुआवजे को लेकर कहा कि पीड़ित पक्ष अपनी और से मुआवजा राशि के लिए अलग से याचिका दायर कर सकते हैं।

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30 मार्च 2023 को रामनवमी के दिन इंदौर के स्नेह नगर स्थित बेलेश्वर मंदिर में यह दर्दनाक हादसा हुआ था। भक्तिभाव में डूबे 60 लोग पूर्णाहुति के वक्त कुछ ही क्षणों में बावड़ी में समा गए थे। 36 लोगों के शव बाहर निकले थे। 60 फीट बावड़ी में 10 फीट पानी था। बावड़ी के ऊपर बने स्लैब पर हवन कर रहे थे। उसी दौरान हादसा हो गया था। स्लैब ढह गया और लोग धड़ाधड़ नीचे गिरने लगे। लोग गाद और पानी में फंस गए। पुलिस और प्रशासन के पास लोगों को बचाने के संसाधन नहीं थे। फिर लोगों को बचाने आर्मी को बुलाई गई। 25 घंटे बाद आखिरी शव निकला था। 3 अप्रैल को प्रशासन ने मंदिर के अवैध निर्माण वाले हिस्से को ध्यवस्त किया। प्रतिमाएं दूसरी जगह शिफ्ट की और बावड़ी को भी बंद कर दिया था।

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