Edited By Vikas kumar, Updated: 01 Jan, 2019 01:22 PM
लोकसभा में रीवा सांसद जनार्दन मिश्रा ने बघेली भाषा में किसानों की समस्या को उठाया। पहली बार एसा हुआ है कि लोकसभा में बघेली भाषा का उपयोग किया गया। जनार्दन मिश्रा ने मांग उ
रीवा: लोकसभा में रीवा सांसद जनार्दन मिश्रा ने बघेली भाषा में किसानों की समस्या को उठाया। पहली बार एसा हुआ है कि लोकसभा में बघेली भाषा का उपयोग किया गया। जनार्दन मिश्रा ने मांग उठाते हुए कहा कि, सरकार प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना सुरक्षा कवच के रूप में दी है लेकिन प्राइवेट बीमा कंपनियों की मनमानी के चलते किसानों को पर्याप्त लाभ नहीं मिल पा रहा है। नुकसान के अनुसार बीमा कंपनियां मुआवजा नहीं दे रही हैं। इन कंपनियों पर राज्य सरकार का नियंत्रण नहीं होने से योजना का सुपरविजन ठीक से नहीं हो पा रहा है।
सांसद जनार्दन मे मांग उठाई है कि सभी राज्य सरकारें स्वयं फसल बीमा के लिए कंपनियों का गठन करें और नुकसान के अनुसार किसानों को इसका मुआवजा मिले। इसके अलावा रीवा सहित अन्य कई जिलों में आवारा पशुओं से फसलों को हो रहे नुकसान पर भी ध्यान आकृष्ट कराते हुए उन्होंने कहा कि फसल बीमा कंपनियां इस नुकसान को मानने के लिए तैयार नहीं होती हैं। इस कारण सरकार पहल करे कि आवारा पशुओं द्वारा पहुंचाए गए नुकसान की भरपाई भी बीमा क्लेम में हो। इसके बाद उन्होंने कहा कि, फसलों को अन्य कई तरह से नुकसान होता है, जिस पर कंपनियां राहत नहीं देती। इस कारण समीक्षा कराई जाए और किसानों को अधिक से अधिक लाभ पहुंचाने का प्रयास हो।
बता दें कि पहले तो सांसद जनार्दन मिश्रा ने हिन्दी में भाषण देना शुरू किया लेकिन वह कुछ देर बाद बघेली बोलने लगे। करीब दो मिनट तक वे बघेली में ही बोलते रहे। जनार्दन मिश्रा अपने क्षेत्र के कार्यक्रमों में बघेली ही बोलते हैं।