नहीं देखा होगा दलित की बारात का ऐसा वैलकम, बारातियों ने भी ग्रामीणों को दिल से किया धन्यवाद

Edited By meena, Updated: 22 May, 2024 12:44 PM

jawar arrangement of water for dalit s procession

हर वर्ष शादियों के सीजन में हम अक्सर देखते सुनते हैं कि फलाने गांव में दलित समाज के युवक की बिंदोलो या बारात के जुलूस को कुछ...

जावर (रायसिंह मालवीय) : हर वर्ष शादियों के सीजन में हम अक्सर देखते सुनते हैं कि फलाने गांव में दलित समाज के युवक की बिंदोलो या बारात के जुलूस को कुछ संकीर्ण (दूषित) मानसिकता के लोगों द्वारा रोका गया। कहीं कहीं विवाद इतना बढ़ जाता है कि दोनों पक्ष आपस में लठ, पत्थर भी चलाने से गुरेज नहीं करते हैं और फिर पुलिस फोर्स भी बुलानी पड़ती है। जिससे समाज में दुवेष्ता फैलती है।

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इस सबके विपरीत एक मामला सिहोर जिले की आष्टा विधानसभा के गांव मालीखेड़ी से सामने आया है। जहां बाबूलाल सोलंकी के पुत्र लखन, हाजीपुर से रामचंद्र मालवीय के पुत्र सागर, सोनकच्छ के ग्राम देवली करण सिंह बामनिया के पुत्र विकास की बारात देवास जिले की सोनकच्छ विधानसभा के ग्राम खुटखेडा में बलवंत सिंह गोडीया  (पूर्व सरपंच) के यहां 3 लड़कियां नेहा, निकिता और हीरामणी की बारात आई थीं। तीनों बारात के दूल्हे सागर हाजीपुर, लखन मालीखेडी और विकास देवली ठाठ बाट से घोड़ी चढ़कर दुल्हन की चौखट पर आ रहे थे। डीजे की धुन पर बाराती डांस करते हुऐ गांव में पहुंचते हैं।

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मई के दिनों की गर्मी से बेहाल नाचते हुए बारातियों के लिए ग्रामीणों ने अपने अपने घर के सामने ठंडे पानी के जार रख दिए और ग्रामीण भी बारात के आनंद लेने लगे और  महिलाएं भी बालकनी और अपने अपने छत से दुल्हों को निहारने लगी थी। यह देख तीनों बारातियों ने ग्रामीणों को धन्यवाद प्रेषित किया किया जो माहौल खुटखेडा में हमने देखा वह कहीं नहीं देखा। इस तरह से गांव खुटखेडा के लोगों ने बारातियों का दिल जीत लिया।

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