Edited By ASHISH KUMAR, Updated: 23 Apr, 2019 03:52 PM
जिले में अपनी मांगो को लेकर किसानों ने लोकसभा चुनाव का बहिष्कार कर दिया है। जबलपुर के पाटन तहसील अंतर्गत सहसन पडरिया के 5 ग्राम पंचायतों के 1000 से ज्यादा किसान गेहूं खरीदी केंद्र के बंद होने से आक्रोशित हैं और 7 दिन से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे...
जबलपुर: जिले में अपनी मांगो को लेकर किसानों ने लोकसभा चुनाव का बहिष्कार कर दिया है। जबलपुर के पाटन तहसील अंतर्गत सहसन पडरिया के 5 ग्राम पंचायतों के 1000 से ज्यादा किसान गेहूं खरीदी केंद्र के बंद होने से आक्रोशित हैं और 7 दिन से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं। किसानों का कहना है कि जिला प्रशासन ने बिना पूर्व सूचना दिए खरीदी केंद्र को उनके गांव से 15 किलोमीटर दूर बिनैकी में शिफ्ट कर दिया है जबकि सैकड़ों किसानों ने अपना अनाज पहले ही पडरिया गांव में लाकर रख दिया था।
धरने पर बैठे किसानों का कहना है कि बीते चार-पांच सालों से यहां धान और गेहूं की खरीदी होती रही है लेकिन साल 2018 से पड़रिया गांव का खरीदी केंद्र बंद कर दिया और किसानों को बिनैकी खरीदी केंद्र में अनाज बेचने के निर्देश दिए। गेहूं खरीदी के समय भी बिना पूर्व सूचना दिए जिला प्रशासन ने खरीदी केंद्र बिनेकी को बना दिया। जब किसानों ने सहसन पड़रिया में हजारों क्विंटल गेहूं लाकर रख दिया तब उन्हें बताया गया कि यहां खरीदी नहीं की जाएगी। किसानों की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है इसलिए एक जगह से दूसरी जगह अनाज लेकर जाना मुश्किल होता है।
कुछ किसानों का कहना है कि सुविधाओं के नाम पर हमारे साथ हमेशा भेदभाव हुआ है। नेताजन हमारा उपयोग कर वोट ले लेते हैं लेकिन न तो उन्हें पर्याप्त बिजली मिलती है और न ही अन्य महत्वपूर्ण सुविधाएं मिलती हैं जिससे किसान खुद को छला हुआ महसूस करता है। उन्होंने सांसद राकेश सिंह और विवेक तन्खा को भी इस समस्या से अवगत कराया जिन्होंने उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया लेकिन 7 दिन बाद भी कोई हल नहीं निकाला गया। इसलिए उन्होंने मजबूर होकर चुनाव के बहिष्कार का फैसला लिया है। इस खरीदी केंद्र में 900 से ज्यादा किसानों का पंजीयन है और लगभग 50 हजार क्विंटल गेहूं बिकने के लिए रखा है बावजूद इसके प्रशासन गेहूं खरीदी के लिए गंभीर नजर नहीं आ रहा।