संविधान दिवस के अवसर पर महात्मा गांधी कॉलेज ऑफ लॉ में हुआ सेमिनार, संविधान संसोधनों पर हुई चर्चा

Edited By Vikas Tiwari, Updated: 27 Nov, 2021 04:22 PM

seminar held at mahatma gandhi college on occasion of constitution day

संविधान दिवस के मौक़े पर महात्मा गांधी कॉलेज़ ऑफ लॉ में संविधान के विविध आयामों पर केंद्रित सेमिनार का आयोजन हुआ। स्वतंत्र भारत के पचहत्तर वर्ष के उपलक्ष्य में संस्था सतत् वैचारिक गोष्ठियों का आयोजन कर रही है। इसी कड़ी में संविधान दिवस के महत्वपूर्ण...

ग्वालियर (अंकुर जैन): संविधान दिवस के मौक़े पर महात्मा गांधी कॉलेज़ ऑफ लॉ में संविधान के विविध आयामों पर केंद्रित सेमिनार का आयोजन हुआ। स्वतंत्र भारत के पचहत्तर वर्ष के उपलक्ष्य में संस्था सतत् वैचारिक गोष्ठियों का आयोजन कर रही है। इसी कड़ी में संविधान दिवस के महत्वपूर्ण दिन विधि विशेषज्ञों ने विधि छात्रों की जिज्ञासाओं का समाधान करते हुए संविधान के अनेक अनछुए पहलुओं को तार्किकता के साथ प्रस्तुत किया।

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आयोजन के मुख्य वक्ता के तौर पर आमंत्रित उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता शैलेंद्र सिंह कुशवाह ने संविधान के गठन से लेकर समय और मांग के अनुसार हुए विभिन्न संशोधनों पर गहराई से प्रकाश ड़ाला। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्रीमती इंदिरा गांधी के कार्यकाल में हुए चौबीसवें संशोधन पर सविस्तार जानकारी विधि छात्रों के समक्ष अपने उद्बोधन के दौरान दी। विधि विशेषज्ञ ने अपने संबोधन में बत्तीस दिन तक तर्कसंगत बहस करके बहुमत की सरकार के फ़ैसले को रोकने वाले महान अधिवक्ता नानी पालकीवाला को याद किया। इस दौरान ऐसे चुनिंदा ऐतिहासिक न्यायिक निर्णयों को भी वक्ताओं ने विधि छात्रों के समक्ष विस्तार से रखा। ताकि आज के विधि छात्र और भविष्य के अधिवक्ता लाभान्वित हो सकें। संविधान को हमारे लोकतंत्र की आत्मा मानते हुए वक्ताओं ने न्याय के आधारभूत सिद्धांत को संविधान का सबसे बड़ा रक्षक बताया। इस दौरान विधि छात्रों ने संविधान सभा के गठन स्वरूप और महत्व से जुड़े सवाल विशेषज्ञ से किये। संस्था चैयरमैन यशपाल सिंह तोमर ने विधि छात्रों से मुख्य वक्ता वरिष्ठ अधिवक्ता कुशवाह के व्याख्यान से जुड़ी समझ पर सवाल किये और विधि छात्रों को अधिकाधिक अध्ययन करके स्वयं को गढ़ने की प्रेरणा दी। तोमर ने संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के विदेश अध्ययन से जुड़ा संदर्भ रखते हुए भावी अधिवक्ताओं को प्रेरित किया। उन्होंने लोकतांत्रिक समाजवाद पर अपनी बात रखते हुए चौथे खंबे WE THE PEOPLE को सबसे महत्वपूर्ण अंग बताया और इसके संरक्षण के लिये सुप्रीम कोर्ट के निरंतर योगदान को नमन किया। जनता की कमज़ोर होती अधिकार शक्ति को बचाने का समूचा श्रेय उन्होंने न्यायिक व्यवस्था को दिया और विधि छात्रों से अपने जीवनकाल में बतौर वकील न्याय से वंचित वर्ग को यथासंभव सहयोग करने का संकल्प लेने की अपील की। तोमर ने कहा कि ‘हम जिस समाज से लेते हैं उस समाज को हमें लौटाने की ज़िम्मेदारी भी लेनी ही चाहिए’

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इस महत्वपूर्ण आयोजन के दौरान महात्मा गांधी कॉलेज़ ऑफ लॉ के चैयरमैन यशपाल सिंह तोमर अकादमिक निदेशक चंद्रप्रताप सिंह सिकरवार सहित बड़ी संख्या में प्राध्यापकगण और छात्र-छात्राएं उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन सहायक प्राध्यापक अरुण प्रताप सिंह ने किया।

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