Edited By Vikas kumar, Updated: 15 Oct, 2018 02:52 PM
स्वरूपानंद सरस्वती ने आरएसएस को नसीहत देते हुए कहा कि हिंदू धर्म में शादी एक सौदा नहीं बल्कि संस्कार माना जाता है, शादी जीवनभर साथ निभाने का एक वचन है। शंकराचार्य ने कहा है, आरएसए
नरसिंहपुर: स्वरूपानंद सरस्वती ने आरएसएस को नसीहत देते हुए कहा कि हिंदू धर्म में शादी एक सौदा नहीं बल्कि संस्कार माना जाता है, शादी जीवनभर साथ निभाने का एक वचन है। शंकराचार्य ने कहा है, आरएसएस को हिन्दू धर्म दर्शन सीखने की आवश्यकता है और उन्हें अपनी शाखाओं में ईश्वर की वंदना करनी चाहिए। स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा कि वो हमारे ऊपर आरोप लगाते हैं कि हम कांग्रेसी है। भाजपा पर हमला बोलते हुए शंकराचार्य ने कहा कि कौन किसे वोट दे ये हम नहीं तय कर सकते हैं।
आरएसएस प्रमुख ने इंदौर में संघ की रैली के दौरान बयान दिया था कि, 'वैवाहिक संस्कार के तहत महिला और पुरुष एक सौदे से बंधे हैं, जिसके तहत पुरुष कहता है कि तुम्हें मेरे घर की देखभाल करनी चाहिए और मैं तुम्हारी जरूरतों का ध्यान रखूंगा।
इसलिए जब तक महिला इस कान्ट्रैक्ट को निभाती है, तो पुरुष को भी निभाना चाहिए। और जब वह इसका उल्लंघन करे तो पुरुष उसे बेदखल कर सकता है। यदि पुरुष इस सौदे का उल्लंघन करता है तो महिला को भी इसे तोड़ देना चाहिए। सब कुछ कान्ट्रैक्ट पर आधारित है।' मोहन भागवत के इस बयान पर लोगों की तीखी प्रक्रियाएं सामने आई है।