Edited By Vikas kumar, Updated: 17 Apr, 2020 03:29 PM
कोरोना के संकटकाल के बीच अब मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जल्द ही अपनी टीम को गठित करने जा रहे हैं। खबर है, कि शिवराज सरकार का यह पहला विस्तार बेहद ही छोटा रहने वाला है, और सिर्फ 8 नेता ही मंत्री पद की शपथ ले सकते हैं, इनमें नरोत्तम...
भोपाल: कोरोना के संकटकाल के बीच अब मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जल्द ही अपनी टीम को गठित करने जा रहे हैं। खबर है, कि शिवराज सरकार का यह पहला विस्तार बेहद ही छोटा रहने वाला है, और सिर्फ 8 नेता ही मंत्री पद की शपथ ले सकते हैं, इनमें नरोत्तम मिश्रा, गोपाल भार्गव, तुलसी सिलावट, राजेंद्र शुक्ल, गौरीशंकर बिसेन जैसे वरिष्ठ नेता शामिल है। माना जा रहा है, कि ये विस्तार 20 अप्रैल से पहले किया जा सकता है। कोरोना के हालात से निपटने के लिए और सरकार पर चौतरफा दबाव के बीच इस मंत्रिमंडल के गठन के कई मायने भी निकाले जा रहे हैं। हालांकि इस बीच सवाल यह भी उठ रहा है, कि बाकी के विधायक जिन्होंने कांग्रेस का हाथ छोड़कर बीजेपी का दामन थामा है, उन्हें मंत्रिमंडल में जगह कब मिलेगी ? इस संबंध में सूत्रों का कहना है, कि जल्द ही शिवराज सिंह एक और कैबिनेट विस्तार के जरिए सभी नेताओं को मंत्रिमंडल में एडजस्ट करेंगे।
किन विभागों को मंत्री की जरूरत ?
सरकार के आंतरिक सूत्रों के मुताबिक, छोटे मंत्रिमंडल के पीछे मौजूदा वक्त में प्रदेश की जरूरतों का ख्याल रखा गया है। फिलहाल सरकार स्वास्थ्य, खाद्य एवं आपूर्ति, वित्त, कृषि, गृह और ग्रामीण विकास पर फोकस करना चाहती है। इसलिए वह अधिक मंत्रियो को शपथ न दिलवाते हुए सिर्फ छोटा सा विस्तार करेगी, जिससे संबंधित महकमों को उनका मंत्री मिल जाए और इसीलिए इन चुनौतीपूर्ण हालात से निपटने के लिए वरिष्ठ नेताओं को यह जिम्मेदारी देने का मसौदा तैयार किया गया है।
क्षेत्रों का भी मिल सकता है प्रभार
मंत्रिमंडल के गठन के साथ मंत्रियों को सिर्फ उनके विभाग की जिम्मेदारी ही नहीं मिलेगी, बल्कि सूत्रों का कहना है, कि हर एक मंत्री को उसे अलग अलग क्षेत्र का जिम्मा भी मिल सकता है। जहां वह कोरोना संकट से जुड़ी गतिविधियों की मॉनीटरिंग करेगा। फिलहाल भोपाल और इंदौर कोरोना संक्रमण के मामले हॉट स्पॉट हैं, और यहां की जिम्मेदारी किसी वरिष्ठ मंत्री को मिल सकती है।