Edited By ASHISH KUMAR, Updated: 12 Mar, 2019 10:13 AM
जिला के एक भ्रष्ट पटवारी को जमीन का बंटवारा और नामांतरण के नाम पर छह हजार की रिश्वत मांगना महंगा पड़ा है। जिला सिवनी की अदालत ने भ्रष्ट पटवारी को रिश्वत लेने के जुर्म में चार साल की सजा सुनाई है। साथ ही 5000-5000 रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है।...
सिवनी: जिले के एक भ्रष्ट पटवारी को जमीन का बंटवारा और नामांतरण के नाम पर छह हजार की रिश्वत मांगना महंगा पड़ा। जिला सिवनी की अदालत ने भ्रष्ट पटवारी को रिश्वत लेने के जुर्म में चार साल की सजा सुनाई है। साथ ही 5000-5000 रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। आरोपी पटवारी को जेल भेज दिया गया है।
यह है पूरा मामला
पीड़ित सीताराम गोंड पिता स्वराजी गोंड निवासी डालासिहोरा तहसील लखनादौन के द्वारा 20 जुलाई 2015 को लोकायुक्त कार्यालय जबलपुर में शिकायत दी थी कि, उसके पिता का तीन वर्ष पहले देहांत हो चुका है, पिता के नाम की जमीन का बंटवारा और नामांतरण कराना है। जिसके लिए उसने ग्राम हल्का के पटवारी संतोष सनोडिया से संपर्क किया। इस कार्य के लिए पटवारी ने 6000 की रिश्वत मांगी और वह 1000 रुपए दे भी चुका हैं। वह पटवारी को रिश्वत नहीं देना चाहता है उसके विरूद्ध कार्रवाई चाहता है। इसके बाद लोकायुक्त पुलिस जबलपुर के द्वारा 22 जुलाई 2015 को आरोपी संतोष को उसके कार्यालय आदेगांव तहसील लखनादौन जिला सिवनी में प्रार्थी से 5000 की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा था और रिश्वत की रकम बरामद की थी।
घटना के बाद आरोपी पटवारी संतोष सनोडिया के विरुद्ध चालान पेश किया था। जिसकी सुनवाई संजीव श्रीवास्तव विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत न्यायालय में की गई। जिसमें शासन की ओर से विशेष अभियोजक दीपा मर्सकोले, जिला अभियोजन अधिकारी के द्वारा गवाह और सबूत पेश किए गए और तर्क देकर मामले को प्रमाणित कराया। जिस पर न्यायालय द्वारा आरोपी पटवारी संतोष सनोडिया, निवासी कान्हरगांव को दोषी पाते हुए विभिन्न धाराओं के तहत चार वर्ष की सजा एवं 5000-5000 रुपए जुर्माने से दंडित करने का निर्णय सुनाया जाकर उसे जेल भेजा है।