थम नहीं रहा है कुपोषण का दंश, जिले में बढ़ी ग्रसित बच्चों की संख्या

Edited By Vikas kumar, Updated: 18 Oct, 2018 06:42 PM

the number of children suffering from malnutrition

जिले में कुपोषण का दंश खत्म नहीं हो रहा है। थाटीपुर स्थित एनआरसी में 15 दिनों में लगभग 14 बच्चों को भर्ती कराया गया है। कुपोषण का मुख्य कारण गरीबी और एक से अधिक बच्चे हैं। गौरतलब है कि इस साल कुपोषण....

ग्वालियर: जिले में कुपोषण का दंश खत्म नहीं हो रहा है। थाटीपुर स्थित एनआरसी में 15 दिनों में लगभग 14 बच्चों को भर्ती कराया गया है। कुपोषण का मुख्य कारण गरीबी और एक से अधिक बच्चे हैं। गौरतलब है कि इस साल कुपोषण के करीब दो दर्जन मामले सामने आ चुके हैं। स्वास्थ्य विभाग और यूनेस्को की मदद से चलने वाले इस कार्यक्रम में इस बार कुछ बच्चे एनआरसी में प्रेरकों द्वारा लाए गए हैं। फिलहाल अभी तक कुपोषण से किसी बच्चे की मौत नहीं हुई हैं। 

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ग्वालियर शहर के थाटीपुर में कुपोषण के14 मामलें सामने आए हैं। जिनमें से 7 एनआरसी में भर्ती हैं और उनका इलाज चल रहा है। जबकि 7 बच्चे कुपोषित होने के बाद भी उनके माता-पिता अपने साथ घर जा चुके हैं। ये सभी बच्चे गरीब परिवार से थे।जिस परिवार में एक से अधिक बच्चे होते हैं उनकी देखभाल सही तरीके से नहीं हो पाती और भोजन में पोषक तत्वों की कमी के कारण वे कुपोषण का शिकार हो जाते हैं। 

जानकारी के अनुसार इस साल कुपोषण के करीब दो दर्जन मामले सामने आ चुके हैं। थाटीपुर स्थित पोषण आहार केंद्र में बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण और उन्हें उचित आहार दिया जा रहा है, और बड़ी बात यह है कि फिलहाल किसी कुपोषित बच्चे की एनआरसी मे मौत नहीं हुई है। एनआरसी प्रभारी का कहना है कि यहां आने वाले ज्यादातर बच्चे गरीब तबके के होते हैं जिन बच्चों के माता-पिता यहां रुक कर इलाज कराते हैं वे अधिकांश ठीक हो जाते हैं। 
 

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