Edited By suman, Updated: 16 Jul, 2018 06:33 PM
धुआंधार में कूदने के बाद कोई बचता नहीं है। कई लोगों से यह बात सुनी थी, इसलिए बच्चों के साथ यहां जान देने आई हूं। पति के रोज-रोज के झगड़े और पिटाई से तंग आ चुकी हूं।
जबलपुर : धुआंधार में कूदने के बाद कोई बचता नहीं है। कई लोगों से यह बात सुनी थी, इसलिए बच्चों के साथ यहां जान देने आई हूं। पति के रोज-रोज के झगड़े और पिटाई से तंग आ चुकी हूं। मौत के अलावा मेरे सामने कोई दूसरा रास्ता नहीं है। छतरपुर के बकसुआ में रहने वाली एक 28 वर्षीय महिला ने कुछ इसी अंदाज में अपनी पीड़ा भेड़ाघाट पुलिस के सामने बयां करते हुए बच्चों के साथ धुआंधार आने का कारण बताया, तो सभी हैरान रह गए। हालांकि काफी देर समझाने के बाद महिला ने अपना फैसला बदल दिया।
छतरपुर के बकसुआ में रहने वाली महिला अपने 4 साल के बेटे और 2 दो साल की बेटी के साथ धुआंधार पहुंची। वह सीधे जलप्रपात के पास पहुंची और बच्चों का हाथ पकड़कर खड़ी हो गई। इसी दौरान इसकी सूचना भेड़ाघाट थाने के आरक्षक हरिओम को मिल गई। आरक्षक तुरंत मौके पर पहुंचा और महिला जलप्रपात से दूर ले आया।