4 अमीर बेटों के होते हुए भूखे रहने की नौबत, बहुओं ने किया नौकरों जैसा सलूक, बुजुर्ग माता- पिता के पक्ष में कोर्ट ने सुनाया ये फैसला

Edited By meena, Updated: 30 Jul, 2022 12:48 PM

4 rich sons and daughters in law oppressed elderly parents

इंदौर में एडवोकेट कृष्ण कुमार कुन्हारे, ईश्वर कुमार प्रजापति ने बुजुर्ग माता-पिता को भरण पोषण के केस में बहुत अच्छा फैसला सुनाया है। जहां आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले शहर इंदौर में राधिका कॉलोनी निवासी, पीड़ित बुजुर्गों ओमप्रकाश नांगवंशी और उनकी...

इंदौर(सचिन बहरानी): इंदौर में एडवोकेट कृष्ण कुमार कुन्हारे, ईश्वर कुमार प्रजापति ने बुजुर्ग माता-पिता को भरण पोषण के केस में बहुत अच्छा फैसला सुनाया है। जहां आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले शहर इंदौर में राधिका कॉलोनी निवासी, पीड़ित बुजुर्गों ओमप्रकाश नांगवंशी और उनकी पत्नी सुरजा बाई ने बताया कि उनकी चार संताने हैं जिन सभी जो पाल पोस, शिक्षित कर अपने पैरों पर खड़ा किया और उनका शादियां की और पीड़ितों के स्वयं के दो मंजिला मकान में रहने दिया।

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किंतु बेटे और उनकी बहू द्वारा पीड़ितों से घर का झाड़ू-पोछा करवाना, मकान की दूसरी मंजिल तक बुजुर्गों से बाल्टियों से पानी भरवाना, बीमार रहने पर इलाज ना करवाकर, बेटों द्वारा माता पिता के साथ रहने में शर्म आने का कहते हुए वृद्धा आश्रम भेजने को लेकर माता-पिता को मजबूर करना, लात-घूसों से मारपीट करना, गाली-गलौज करना, आपत्ति लेने पर बहु के नाम से झूठे छेड़छाड़ के केस में फंसाने की धमकी देते थे और भरण पोषण नहीं करते थे, और पीड़ितों वयोवृद्ध होकर उनके शरीर भी मेहनत करने को लेकर जवाब दे चुका था बावजूद इसके बेटों द्वारा बुजुर्ग माता-पिता से उस उम्र में जब हाड़ मांस का शरीर जवाब दे चुका है उस उम्र में नौकरों जैसा काम करवाते थे। खाने को नहीं देते थे जिससे परेशान होकर नाते-रिश्तेदारों पर पीड़ितों को आश्रित होकर उनसे मिलने वाले 5-10 रुपये से पीड़ित पाटनीपुरा साईं मंदिर पर 5 रुपये की पर्ची कटवा कर जैसे तैसे अपना पेट भरते थे। यहां तक कि दीवाली जैसे 5 दिवसीय त्योहारों पर भी ध्यान नहीं रखते थे, और प्रताड़ित करते थे जिसको लेकर पुलिस में भी शिकायत की गई थी जिस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई।

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जिसके बाद पीड़ित माता पिता ने 20 नवंबर 2019 को फैमिली कोर्ट इंदौर में अपने अधिवक्तागण कृष्ण कुमार कुन्हारे सहित ईश्वर कुमार प्रजापति के माध्यम से भरण पोषण की याचिका मय सबूतों के पेश की थी। कोर्ट को बताया कि बड़ा बेटा कमलेश टेलरिंग का कारखाना संचालित करता है। दूसरा बेटा दीपक नांगवंशी ट्रेजर आईसलैंड में नौकरी करता और तीसरा बेटा विजय इलेक्ट्रीशियन है और चौथा बेटा भी कमाता है और माता पिता का भरण पोषण नहीं कर रहा हैं जिसकी सुनवाई करते हुए फैमिली कोर्ट ने अपने आदेश में ये टिप्पणी करते हुए कि बेटे माता पिता के खाने-पीने, इलाज का खर्चे की व्यवस्था नहीं कर रहे परिस्थितियों में वृद्ध माता-पिता के भरण पोषण का नैतिक एवं विधिक दायित्व बेटों का हैं। चारों बेटे साधन संपन्न होकर माता-पिता का भरण पोषण करने में सक्षम है, उक्त टिप्पणी करते हुए कोर्ट ने बुजुर्ग माता-पिता के हित में चारों बेटों में से प्रत्येक बेटे से 1500 रुपये प्रति माह इस तरह चारों बेटों से कुल 6 हजार रुपये प्रति माह के मान से आवेदन प्रस्तुति दिनांक 20 नवम्बर 2019 से दिए जाने के आदेश पारित किए जो कि 32 माह के कुल 1,92,000 हुए और प्रति माह चारों बेटों को 6 हजार रुपये भी प्रत्येक माह को बुजुर्ग माता-पिता को देने होंगे। साथ ही केस का खर्चा 2000 रुपये भी दिलवाने के आदेश पारित करे।

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