राजनीति, पैशन और सिंधिया राजघराने को लेकर महाआर्यमन का खास इंटरव्यू...पंजाब केसरी पर दिए बिंदास जवाब

Edited By meena, Updated: 04 May, 2024 01:37 PM

mahaaryaman s special interview on punjab kesari

लोकसभा चुनावों में प्रदेश ही नही बल्कि देश की हॉट सीट बन चुकी गुना शिवपुरी लोकसभा सीट पर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के बेटे...

गुना/भोपाल (विनीत पाठक) : लोकसभा चुनावों में प्रदेश ही नही बल्कि देश की हॉट सीट बन चुकी गुना शिवपुरी लोकसभा सीट पर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के बेटे और सिंधिया घराने के युवराज महाआर्यमन सिंधिया ने पंजाब केसरी ने बातचीत की। महाआर्यमन इन दिनों अपने पिता के लिए वोट मांगने गांव गांव गलियों गलियों घूम रहे हैं। महाआर्यमन ने कहा कि ये उनकी राजनीतिक लॉन्चिंग नहीं बल्कि गुना शिवपुरी की जनता से उनका तीन पीढ़ियों के रिश्ते हैं, मैं बस अपने परिवार के बीच आया हूं। अपने लोगों के बीच रहकर जनसेवा करना ही उनका लक्ष्य है। महाआर्यमन लोकसभा क्षेत्र के छोटे छोटे गांवों में जाकर नुक्कड़ सभाएं कर रहे हैं। घर-घर जाकर लोगों का हाल जान रहे हैं। उनकी समस्याओं से भी रूबरू हो रहे हैं। खासतौर पर लंबे वक्त से सिंधिया परिवार से जुड़े लोगों से मिल रहे हैं। अपने युवराज को अपने बीच पाकर जनता का उत्साह भी देखने लायक है। कोई माला पहना रहा है तो कोई सर पर हाथ रख कर आशीर्वाद दे रहा है। युवराज महाआर्यमन भी युवाओं के बीच जाकर किसी से हाथ मिलाते हैं तो किसी के गले मे हाथ डाल कर बात करते हैं। इस बीच कई बार लोग जयजयकार के नारे लगाते हुए अपने युवराज को कंधे पर भी उठा लेते हैं। महाआर्यमन इसे पारिवारिक रिश्ता बताकर भावुक भी हो जाया करते हैं। लेकिन जनता के बीच अपनी बात रखना नहीं भूलते। महाआर्यमन लोगों को बताते हैं कि इस बार क्षेत्र के विकास के लिए उनके पिता का जीतना कितना जरूरी है। पढ़िए पूरा इंटरव्यू...

1. आप जनता के बीच हैं क्या तीन पीढ़ियों के रिश्ते निभाने आये हैं, या सिर्फ चुनावी कैम्पेन ही है..?

महाआर्यमन:- देखिये यह हमारा परिवार है। परिवार का दुख दर्द उनकी समस्याएं जानने के लिए आया हूं। कैंपेन तो है ही लेकिन यहां पारिवारिक रिश्ते हैं मैं अपने लोगों के बीच आया हूं। मैंने बता रहा हूं कहां वोट डालना है कैसे वोट डालना है।

2. हमने देखा अपने नेताओं की तरह पुरी चतुराई से अपनी बात तो रखी लेकिन उसमें नेताओं वाला रवैया, चालाकी नहीं थी, बल्कि आत्मीयता थी?

महाआर्यमन:- मैं नेता हूं ही नहीं मैं तो उनके परिवार का सदस्य हूं (इस बीच जनता नारे लगाती है और महा आर्यमन को गोद में उठा लेती है)

3. जब इस तरह का रिस्पांस मिलता है इतनी आत्मीयतिता मिलती है तो कैसा लगता है?

महाआर्यमन:- बिल्कुल यह बहुत बड़ा पल है मैं भावुक होता हूं जब इस तरीके का रिस्पांस मिलता है। यह मेरी परदादी राजमाता सब जानती थी। मेरे दादा सब जानते थे और अब मैं और मेरे पिताजी बहुत गहरे तरीके से इसे जानना चाहते हैं। रिश्ते बहुत लंबे चलते हैं और यह बहुत ऐतिहासिक रिश्ता है यह एक बड़ा पल है मेरे लिए, मैं अपनी जनता के बीच जाना चाहता हूं उनसे प्यार लेना और उन्हें प्यार देना चाहता हूं और इस रिश्ते को और आगे तक निभाना चाहता हूं।

4. क्या इस कैंपेन को महाआर्यमन की राजनीतिक लॉन्चिंग माना जाए यह सवाल पूरे मध्य प्रदेश के जहन में है?

महाआर्यमन:- मैं आपको समझाना चाहता हूं कि यह कोई लॉन्चिंग नहीं है जनसेवा है, वह मैं लगातार जन सेवा करना चाहता हूं। वह किसी भी माध्यम से हो सकती है, राजनीति के माध्यम से व्यापार के माध्यम से या खेलों के माध्यम से, मैं जनता के बीच जा रहा हूं। अपने लोगों से मिल रहा हूं, उनकी समस्याएं जान रहा हूं, हमारा लक्ष्य जन सेवा करना है। अभी मेरे पिता राजनीति में है तो मैं जनता के बीच जा रहा हूं। अपने लोगों के बीच बैठ रहा हूं, मैं नोट बनाता हूं उनकी समस्याएं लिखता हूं और फिर हम सब बैठकर उन समस्याओं का समाधान निकलते हैं। मैं सिर्फ अपनी जनता को जल्द से जल्द एक सुखमय जीवन देना चाहता हूं।

5. लेकिन आप जिस सिंपलीसिटी से जनता से मिलते हैं आपका जनाधार भी तो तैयार हो रहा है?

महाआर्यमन:- यह प्यार है, आप जब अपने परिवार में जाते हैं तो क्या गले नहीं मिलते ? लोगों की गले में हाथ नहीं डालते ? उनसे हाथ नहीं मिलते ? यह तरीका है जनता से मिलने का, उनसे अपनापन जताने का। अपने लोगों से इसी तरह मिलना होता है अगर हम बीच में एक दीवार खड़ी कर देंगे तो लोग अपनी समस्या अपनी मन की बात कैसे कह पाएंगे ? लोग कैसे बताएंगे कि उन्हें क्या समस्या है ? इसीलिए मैं एक अपनेपन का वातावरण बनाना चाहता हूं। जिससे लोग खुलकर अपनी बात कहें और मैं वही कर रहा हूं।

6. अभी जब आप भाषण दे रहे थे तो हमने देखा आपने क्रिकेट की भाषा में लोगों को समझने की कोशिश की। आपके दादाजी और पिताजी क्रिकेट में बड़ी रुचि रखते थे। क्या आप भी क्रिकेट खेलते हैं ?

महाआर्यमन:- बिल्कुल मैं क्रिकेट खेलता हूं और मुझे क्रिकेट में भी रुचि है। आपको पता नहीं होगा मैं क्रिकेट पर भी काम कर रहा हूं और ग्रामीण क्षेत्र के खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटरों के साथ खेल सके, जिससे उन्हें अनुभव भी मिले, वह पैसे भी कमा सके और साथ ही इंडियन स्काउट और स्टेट स्काउट से संबंध बना सकें, इसके लिए हम मंच तैयार कर रहे हैं। तो यह भी जनसेवा है और खेलों के जरिए भी जनसेवा हो सकती है।

7. चलिए यह तो हुई आपकी बात.. अब करते हैं ठेठ राजनीतिक प्रश्न। पिछले दिनों कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने इमरती देवी पर आपत्तिजनक बयान दिया। इसको आप किस तरह से देखते हैं?

महाआर्यमन:- देखिए जो उनका बयान है वह दर्शाता है कि उनका दृष्टिकोण क्या है- हमारी माता बहनों के बारे में। मैं कहना भी नहीं चाहता जिस तरीके का बयान उन्होंने दिया है, आपको मालूम है। लेकिन यह दर्शाता है कि कांग्रेस पार्टी की विचारधारा क्या है और दूसरी तरफ हमारी पार्टी बीजेपी की विचारधारा क्या है। एक तरफ जीतू पटवारी है और दूसरी तरफ हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी हैं जो माता बहनों का सम्मान करते हैं। लाडली बहन और लाडली लक्ष्मी जैसी योजनाएं चला रहे हैं। उन्होंने एक आदिवासी समाज से आने वाली महिला को राष्ट्रपति जैसे पद तक पहुंचाया। तो यह अंतर है दोनों की विचारधारा में। अब जनता के सामने एक बोर्ड पर यह साफ है कि कौन क्या कह रहा है, और किसकी क्या सोच है।

8. पिछली बार जब आप प्रचार के लिए आए थे, तब आपके पिता कांग्रेस से चुनाव लड़ रहे थे। इस बार बीजेपी से लड़ रहे हैं, दोनों में कितना अंतर दिख रहा है?

महाआर्यमन:- देखिए बड़ा अंतर है जिस तरह से बीजेपी में हमारी माताएं बहनें लोगों से मिल रही हैं, उनसे बात कर रही हैं, उनके घर जाकर उनकी कठिनाइयां पूछती हैं, हमारा एक-एक कार्यकर्ता जिस तरह से जमीन पर उतर के काम करता है, जो मिट्टी की खुशबू है उस मिट्टी को महसूस करता है और फिर लोगों की कठिनाइयां एक-एक नेता को बताई जाती है ऐसा कांग्रेस में कभी देखने को नहीं मिला। बीजेपी का एक-एक कार्यकर्ता जनता के साथ खड़ा हुआ है, और मैं उनको सैल्यूट करता हूं।

9. आप लगातार जनता के बीच जा रहे हैं उनकी समस्याएं सुन रहे हैं, महाआर्यमन की नजर में अगले 5 साल गुना शिवपुरी का विकास किस तरह होना चाहिए? आप क्या सोचते हैं?

महाआर्यमन:- देखिए हम चाहते हैं कि सबसे पहले प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में जो बेसिक चीज हैं उन्हें मजबूत करना है गर्मियों में पानी की समस्या बेहद गंभीर हो जाती है उसे मजबूत करना है इसके साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा को मजबूत करना है साथ ही इंडस्ट्रियल जॉन्स बनाने हैं और इसके साथ कनेक्टिविटी चाहे वह सड़क मार्ग हो चाहे रेल मार्ग हो या फिर हवाई मार्ग हो इन्हें भी मजबूत करना है मेरे पिता जी ने गुना और शिवपुरी में एक-एक हवाई अड्डे की घोषणा पहले ही कर दी है, चुनाव से 2 महीने पहले ही। इसके साथ ही कार्गो हब बनाने की भी योजना है। अशोक नगर में एक मेडिकल कॉलेज की घोषणा हो चुकी है। 5 या 6 सीएम राइस स्कूलों की घोषणा हो चुकी है। तो हम तो हर समय काम करते हैं सिर्फ चुनाव के समय काम नहीं करते हैं। यह चुनावी वादे नहीं है। बीजेपी एक जनता के साथ पूरी ताकत से खड़ी हुई है।

10. क्या अपने पिता ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी सलाह देते हैं की जनता की यह कठिनाई है ? यह काम होने चाहिए ?

महाआर्यमन:- बिल्कुल हम साथ में बैठकर चर्चा करते हैं। मैं उन्हें बताता हूं कि लोगों से मिला तो उनकी क्या कठिनाइयां थी, वह क्या चाहते हैं। कई बार मेरे पिता मुझसे भी पूछते हैं युवा होने के नाते आपका क्या सोचना है ? क्या होना चाहिए ? मैं भी उनसे पूछता हूं कि अगर हम इस तरह की योजना लाएं, तो लोगों को कितनी पसंद आएगी? तो यह आपसी विचार विमर्श लगातार चलता है। हमारे परिवार का मूल्य है कि हम जनता के बीच जाएं, उनसे चर्चा करें और मिलजुल कर जो समाधान निकलता है वह काफी मजबूत होता है। अगर हम सोचे कि सिर्फ मेरी सोच या मेरा विचार ही सही है तो कई बार वह गलत भी हो सकता है। लेकिन जब हम एक-एक व्यक्ति से पूछते हैं, चर्चा करते हैं तो मजबूत समाधान निकलकर सामने आता है।

11. आप भी दो दो स्टार्टअप चला रहे हैं, युवाओं के लिए क्या करने का विचार है ?

महाआर्यमन:- युवाओं के लिए भी हम लगातार काम कर रहे हैं । खिलाड़ियों के लिए चर्चा कर रहे हैं, खेल मैदान की चर्चा कर रहे हैं, शिक्षा की चर्चा कर रहे हैं, इंडस्ट्रियल कॉरिडोर्स पर विचार कर रहे हैं और इसके साथ-साथ मैं खुद युवाओं के लिए उदाहरण बनना चाहता हूं। युवाओं से भी कहता हूं कि अपने लिए काम करें साथ ही दूसरों के लिए उदाहरण बने। अपने स्टार्टअप्स खोलें। जिस क्षेत्र में भी आपकी रुचि हो, उस क्षेत्र में दौड़ लगाइए। खुद को और अपने लोगों को मजबूत करें।

12. आप अपने प्रचार की शुरुआत मंदिर जाकर करते हैं अभी हनुमान जी के दर्शन किए क्या मांगा ?

महाआर्यमन:- बिल्कुल मैं रोज ही अपने प्रचार की शुरुआत किसी न किसी मंदिर जाकर करता हूं। यह हमारी आस्था का विषय है। मैंने अपने परिवार के लिए सुख समृद्धि मांगी। मेरी दादी साहब बीमार है, उनके स्वस्थ होने की कामना की और अपनी जनता के लिए सुख समृद्धि की कामना भगवान से करता हूं।

13. लेकिन जब आप मंदिर जाते हैं तो कांग्रेस कहती है कि वोट मांगने के लिए मंदिर जा रहे हैं राम मंदिर की बात कर रहे हैं?  

महाआर्यमन:- देखिए कांग्रेस का क्या है वह क्या कहती है यह सब जानते हैं लेकिन यह आस्था का प्रश्न है और सिंधिया परिवार की आस्था आज से नहीं सदियों से रही है कई मंदिर सिंधिया परिवार ने बनवाये (इस बीच जनता भी कहती है कि सदियों से सिंधिया परिवार मंदिरों का निर्माण करा रहा है) और हम लगातार मंदिर जाते हैं भगवान के दर्शन करते हैं। तो इसे राजनीति का कोई लेना-देना नहीं है।

14. आप 12-12, 14-14 घंटे लगातार जनसंपर्क कर रहे हैं। लोगों के बीच जा रहे हैं थकान नहीं होती क्या?  इस एनर्जी का राज़ क्या है?

महाआर्यमन:- इस एनर्जी का राज हमारी जनता है। आप लोग लगातार यह सवाल पूछते हैं और मैं यही कहता हूं कि जब आप अपने जनता के बीच, अपने परिवार के बीच जाते हैं, उनसे मिलते हैं और उनसे इतना प्यार आपको मिलता है तो थकान बिल्कुल नहीं होती। यही ताकत है अपने लोगों के प्यार की अपने परिवार की।

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