मध्यप्रदेश में 4,337 वोटों ने बीजेपी को किया सत्ता से दूर

Edited By Vikas kumar, Updated: 13 Dec, 2018 06:21 PM

only 4 337 votes prevented shivraj from becoming cm

मध्यप्रदेश में बीजेपी को 4,337 वोटों ने सत्ता से बाहर कर दिया। जी हां 4,337 वह आंकड़ा है जिससे भाजपा को काफी अघात पहुंचा है। अगर सीट वार कांग्रेस की जीत के अंतर का विश्लेषण किया जाए...

मध्यप्रदेश डेस्क (विकास तिवारी): मध्यप्रदेश में बीजेपी को 4,337 वोटों ने सत्ता से बाहर कर दिया। जी हां 4,337 वह आंकड़ा है जिससे भाजपा को काफी नुकसान पहुंचा है। अगर सीट वार कांग्रेस की जीत के अंतर का विश्लेषण करें तो एक बात यह सामने आती है कि कई ऐसी सीटें थी जहां बीजेपी की हार का अंतर बहुत कम था। 7 सीटें तो ऐसी थी जहां बीजेपी की हार का अंतर महज 100 से 1000 वोटों के बीच सिमटा रहा। महज 4,337 अतिरिक्त वोट ही बीजेपी को मिल जाते तो लगातार चौथी बार बीजेपी की सरकार तो बनती ही साथ में शिवराज का 'राज' जारी रहता।

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ये हैं वो सात सीटें जहां बीजेपी 1000 से कम मतों से हारी

विधानसभा वोट का अंतर
ग्वालियर दक्षिण सीट 121 वोट से बीजेपी की हार 
सुवासरा सीट 350 वोट से बीजेपी की हार 
जबलपुर उत्‍तर सीट  578 वोट से बीजेपी की हार 
राजनगर सीट     732 वोट से बीजेपी की हार 
दमोह सीट    798 वोट से बीजेपी की हार 
ब्यावरा सीट    826 वोट से बीजेपी की हार 
राजपुर सीट   932 वोट से बीजेपी की हार 

 

अगर इन सात सीटों को जोड़ दें तो बीजेपी बहुमत के आंकड़े 116 को आसानी से पार कर जाती। जिससे कांग्रेस के पास अभी 114 सीटें हैं लेकिन उस परिस्थिति में इनका आंकड़ा 107 सीटों पर आकर सिमट जाता। ऐसे में शिवराज सिंह चौहान चौथी बार मध्य प्रदेश में सरकार बनाने में कामयाब हो जाते। लेकिन इन सात सीटें के गणित ने बीजेपी को सत्ता से बाहर कर दिया। 


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जानिए सीट वार कांग्रेस-बीजेपी की जीत हार का अंतर

वोट मार्जिन कांग्रेस जीती बीजेपी जीती
200 से कम का अंतर 02 00
500 से कम का अंतर 02 00
1000 से कम का अंतर 07 02
2000 से कम का अंतर 10 08
3000 से कम का अंतर 15 14
4000 से कम का अंतर 16 19
5000 से कम का अंतर 19 24


बता दें कि, जीत का इतना कम अंतर नगर पालिका और पंचायतों के चुनावों में ही देखने को मिलता है। लेकिन मध्य प्रदेश जैसे बड़े राज्य के विधानसभा चुनाव के लिए यह मामुली बात नहीं है वो भी जहां विधानसभा सीटों की संख्या 230 है और वोटर पांच करोड़ से ज्यादा हैं। इस अंतर का विश्लेषण किया जाए तो प्रदेश की कुल सीटों में से 20% सीटों पर बहुत ही कांटे का टक्कर हुई जिसका फायदा कांग्रेस को ही मिला। 

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