Edited By Jagdev Singh, Updated: 15 Nov, 2019 04:36 PM
मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले में आंगनबा्ड़ी केंद्रों के संचालन में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। वहीं यह समस्या जिले के तीनों विकासखंड की है। जहां कच्चे खपरैल मकानों में आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन किया जा रहा है। इन केंद्रों में...
सिंगरौली (अनिल सिंह): मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले में आंगनबा्ड़ी केंद्रों के संचालन में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। वहीं यह समस्या जिले के तीनों विकासखंड की है। जहां कच्चे खपरैल मकानों में आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन किया जा रहा है। इन केंद्रों में आयोजित होने वाली गतिविधियांं संचालित नहीं हो पा रही हैं, क्योंकि यहां जगह के अभाव में गतिविधियों का संचालन कराने के लिए कार्यकर्ताओं को आफत के दौर से गुजरना पड़ता है।
वहीं ग्रामीणों के दिमाग में यह बात दौड़ रही है कि शासन प्रशासन की ओर से आंगनबाडियों में सुविधाएं भरपूर दी जा रही हैं। मगर आज भी कई गांव ऐसे हैं जहां नौनिहालों के विकास के लिए भवन तक नहीं हैं। ऐसे में कुपोषणमुक्त का दावा भी बेमानी साबित होता है। भवन के साथ-साथ अन्य कई जरूरी सुविधाओं से नौनिहाल वंचित हैं। कुपोषण दूर करने की कवायद विभाग की ओर से की जा रही है, लेकिन ऐसी परिस्थितियों में कुपोषण कैसे दूर होगा।
यह भी एक बड़ा सवाल खड़ा करता है। बच्चों को प्रारंभिक शिक्षा से जोडने की मंशा पूरी नहीं हो पा रही है। किराए पर संचालित मकानों की हालत जर्जर हो गई है। महिला बाल विकास विभाग की अनदेखी के कारण नौनिहालों को शासन की योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बताती हैं कि कच्चे खपरैल मकानों में जगह नहीं होने के कारण गतिविधियों का संचालन कराने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।