छत्तीसगढ़: लोकसभा चुनाव से पहले आदिवासी वोटरों को साधने में जुटी कांग्रेस-भाजपा

Edited By meena, Updated: 14 Feb, 2024 06:37 PM

congress bjp busy in wooing tribal voters before lok sabha elections

छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, भारतीय जनता पार्टी ने आदिवासी वोटरों को साधने के लिए कई तरह के क़वायत शुरू कर दी है...

रायपुर (सत्येंद्र शर्मा): छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, भारतीय जनता पार्टी ने आदिवासी वोटरों को साधने के लिए कई तरह के क़वायत शुरू कर दी है। भारतीय जनता पार्टी को या तमाम पार्टियों को यह पता है कि छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा वोट बैंक आदिवासी वोट बैंक है। यह वोट बैंक जिस पार्टी के साथ जाता है  सत्ता का ताज उसके हाथ में आती है।गौरतलब हो कि छत्तीसगढ़ में विधानसभा की 90 सीट हैं और लोकसभा की 11 सीट हैं छत्तीसगढ़ में आदिवासी 29 सीट आरक्षित हैं और यह किसी भी पार्टी के लिए यह सीट बहुत ही महत्वपूर्ण सीट है। देखा जाए तो छत्तीसगढ़ में आदिवासी वोटरों की संख्या 32% है, भारतीय जनता पार्टी छत्तीसगढ़ में 11 लोकसभा सीट जीतने की पूरी तैयारी कर चुकी है और वोटों का अधूरीकरण कर रही है।

सरगुजा संभाग के आदिवासी क्षेत्रों में भारतीय जनता पार्टी का दबदबा बनाने के लिए पहले बीजेपी ने विधानसभा चुनाव में सरगुजा संभाग से आदिवासी नेता विष्णुदेव साय को मुख्यमंत्री बनाया और बीजेपी ने देवेंद्र प्रताप सिंह को राज्यसभा का उम्मीदवार बनाया है। कयास यह लगाया जा रहा है कि आदिवासी वोटरों को एकजुट करने के लिए बीजेपी आदिवासी चेहरों पर दाव खेल रही है और कहीं ना कहीं बीजेपी यह संदेश देना चाह रही है कि बीजेपी ही एक ऐसी पार्टी है जो आदिवासियों के साथ खड़ी है। अगर देवेंद्र प्रताप सिंह की बात करे तो देवेंद्र प्रताप सिंह राज परिवार से आते हैं और सरगुजा संभाग के कई विधानसभा में सीधे इनका वर्चस्व देखा जाता है। इन तमाम मुद्दों को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी ने राज्यसभा के कई उम्मीदवार इस आशा में बैठे-बैठे नेता के उम्मीद पर पानी फिर गया। हालांकि वह जो तमाम नेता हैं जो राज्यसभा सांसद बनना चाहते थे अब पार्टी उनको दूसरे पदों की जिम्मेदारी दे सकती है लेकिन देखा जाए तो जिस तरह से लोकसभा की तैयारी में सोशल इंजीनियरिंग की जा रही है इसका फायदा आने वाले लोकसभा में दिख सकता है।

केंद्र की सरकार का 400 का टारगेट

केंद्र की मोदी सरकार ने 400 सीटों का एक बड़ा टारगेट लिया है। निश्चित तौर पर यह टारगेट काफी बड़ा है और इसी के मध्य नजर छत्तीसगढ़ के प्रभारी ओम माथुर अपनी रणनीति के तहत वोटो की धुरीकारण साधने में लगे है।

राहुल गांधी छत्तीसगढ़ के ओबीसी और आदिवासी वोटरों का भरोसा फिर हासिल कर पाएंगे?

देखा जाए तो छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के लोकप्रिय नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो नया यात्रा छत्तीसगढ़ के सरगुजा संभाग में पहुंची है और अब इस बात में कोई संशय नहीं है कि कांग्रेस की राजनीति में ओबीसी यानी अन्य पिछड़ा वर्ग और जाति जनगणना, एक स्थाई महत्व का मुद्दा बन चुका है। ऐसे में यह अनायास नहीं कि अपनी 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' में छत्तीसगढ़ के रेंगालपाली पहुंचे राहुल गांधी का भाषण का एक बड़ा हिस्सा भी ओबीसी पर ही केंद्रित रहा और उन क्षेत्रों में आदिवासी वोटरों के रिझाने की क़वायद की जा रही है।

आपको बता दें कि सोमवार से राहुल गांधी की यात्रा जिन दो लोकसभा इलाकों, कोरबा और सरगुजा से गुजर रही है, हाल ही में हुए संपन्न विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को इन दो इलाकों की 16 में से 15 विधानसभा सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था। वहीं कांग्रेस पार्टी में भी लगातार बैठकों का दौरा चल रहा है। हालांकि कांग्रेस का कहना है कि पूरे प्रदेश में और देश में मोदी के खिलाफ हवा है। देश की जनता मोदी के कामों से खुश नहीं है। बेरोजगारी बढ़ी हुई है। महंगाई बढ़ी हुई है। इसलिए देश की जनता कांग्रेस पार्टी को अपना जनाधार देगी।

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