Edited By Prashar, Updated: 11 Oct, 2018 05:08 PM
विधानसभा चुनाव में हर राजनीतिक दल की नजर विशेष तौर पर आर्थिक राजधानी इंदौर पर रहती हैं क्योंकि इस अकेले जिले में नौ विधानसभा सीटें हैं। जो किसी भी दल को जीत दिलाने में अहम भूमिका रखता है। यहां कुछ सीटें ऐसी भी हैं जिन पर दशकों से भाजपा ने राज किया...
इंदौर: विधानसभा चुनाव में हर राजनीतिक दल की नजर विशेष तौर पर आर्थिक राजधानी इंदौर पर रहती हैं क्योंकि इस अकेले जिले में नौ विधानसभा सीटें हैं। जो किसी भी दल को जीत दिलाने में अहम भूमिका रखता है। यहां कुछ सीटें ऐसी भी हैं जिन पर दशकों से भाजपा ने राज किया है और यही सीटें कांग्रेस के नाक का बाल बनी हुई है। विधानसभा चुनाव 2018 में कांग्रेस की कोशिश रहेगी की बीजेपी को उखाड़कर इन सीटों पर कब्जा किया जा सके।
2013 के विधानसभा चुनाव के मुताबिक जिले में मतदाताओं की संख्या 2167014 है और यहां 9 विधानसीटों में से केवल एक ही सीट पर कांग्रेस का कबजा है। बात अगर इंदौर-4 सीट की करें तो यह सीट करीब तीन दशक से बीजेपी के पास है। जो कि भाजपा का गढ़ मानी जाती है। इस सीट पर 2.30 लाख वोटर हैं।
2013 में इंदौर जिले की नौ विधानसभा सीटों ‘देपालपुर, इंदौर-1, इंदौर-2, इंदौर-3, इंदौर-4, इंदौर-5, महू, राऊ और सांवेर’ की स्थिति क्या थी आइए जानते हैं...
विधानसभा सीट देपालपुर...
विधानसभा सीट देपालपुर 2008 में कांग्रेस के कब्जे में थी जिस पर वर्तमान में भाजपा का कब्जा हैं। यहां से मनोज निर्भय सिंह विधायक हैं। उन्होंने कांग्रेस के सत्यनारायण पटेल को करीब 30 हजार मतों से हराया था। वहीं, भाजपा के जीतू परदेशी 2017 मतों के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे।
2013 में किसे मिले कितने मत...
नाम
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पार्टी
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प्राप्त मत
|
मनोज निर्भय सिंह पटेल
|
भाजपा
|
62890
|
सत्यनारायण पटेल
|
कांग्रेस
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53399
|
जीतू परदेशी
|
बसपा
|
1725
|
वहीं, साल 2008 में इ सीट पर कांग्रेस के सत्यनारायण ने भाजपा के मनोज निर्भय को करीब 10 हजार मतों से हराया था।
विधानसभा सीट इंदौर-1...
यहां मतदाताओं की संख्या 292997 है। इस सीट पर भी भाजपा का कब्जा है। यहां से आर्य सुदर्शन गुप्ता ने निर्दलीय उमीद्वार कमलेश खंडेलवाल को शर्मनाक हार देते हुए करीब 54500 मतों से हराया था। वहीं, कांग्रेस के प्रदीप यादव तीसरे स्थान पर रहे थे।
नाम
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पार्टी
|
प्राप्त मत
|
आर्य सुदर्शन गुप्ता
|
भाजपा
|
62890
|
कमलेश खंडेलवाल
|
निर्दलीय
|
53399
|
प्रदीप यादव
|
कांग्रेस
|
1725
|
देश के दूसरे सबसे बड़े दल होने के नाते 2013 के चुनाव में यहां कांग्रेस की स्थिती शर्मनाक रही थी। 2008 में भी इस सीट पर बीजेपी का कब्जा था। कांग्रेस दूसरे स्थान पर थी। देखा जाए तो इस बार के चुनाव में भी इस सीट पर कांग्रेस की स्थिती बेहद नाजुक है। क्योंकि मैदान में बसपा और सपा भी है।
विधानसभा सीट इंदौर-2...
इंदौर-2 सीट पर भी भाजपा की बादशाहत जारी है। इस सीट पर भी भाजपा का ही कब्जा है। यहां से रमेश मंडोला विधायक हैं। उन्होंने कांग्रेस के छोटू शुक्ला को 91,017 मतो से करारी शिकस्त दी थी। वहीं, बसपा के राजेंद्र चौधरी मात्र 2378 मत ही बटोर पाए थे।
नाम
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पार्टी
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प्राप्त मत
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रमेश मंडोला
|
भाजपा
|
133669
|
छोटू शुक्ला
|
कांग्रेस
|
42652
|
राजेंद्र चौधरी
|
बसपा
|
2378
|
बात करें 2008 चुनाव की तो इन चुनाव में भी यहां भाजपा का ही कब्जा था इस बार भी यहां से रमेश मंडोला ही विधायक थे लेकिन कांग्रेस सुरेश सेठ मैदान में उतरे थे।
विधानसभा सीट इंदौर-3...
2013 में इस सीट पर भाजपा की लहर चली और कांग्रेस को उड़ा दिया। यहां से भाजपा की ऊषा ठाकुर (दीदी) विधायक हैं। उन्होंने कांग्रेस के अश्विन जोशी को करीब 13 हजार मतों से हराया था। वहीं, बसपा के इंद्रपाल राज मात्र 683 वोट की जोड़ पाए थे।
नाम
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पार्टी
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प्राप्त मत
|
ऊषा ठाकुर (दीदी)
|
भाजपा
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68334
|
अश्विन जोशी
|
कांग्रेस
|
55016
|
इंद्रपाल राज मात्र
|
बसपा
|
683
|
2008 में यह सीट कांग्रेस के कब्जे में थी। इस साल अश्विन जोशी इस सीट से विधायक थे। लेकिन भाजपा ने गोपीकृष्ण नेमा को मैदान में उतारा था। इन चुनाव में गोपीकृष्ण ने अश्विन को कांटे की टक्कर दी थी। वे केवल 402 मतों से हारे थे।
विधानसभा सीट इंदौर-4...
इंदौर जिले की इंदौर-4 सीट को भाजपा का गढ़ माना जाता है। करीब तीन दशक से यह सीट बीजेपी के पास है। इस सीट पर 2.30 लाख वोटर हैं और यहां से मालिनी सिंह गौर विधायक हैं। इस सीट से बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय भी पूर्व में विधायक रह चुके हैं। मालिनी ने कांग्रेस के सुरेश मिंडा को करीब 44 हजार मतों से पछाड़ा था।
नाम
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पार्टी
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प्राप्त मत
|
मालिनी सिंह गौर
|
भाजपा
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91998
|
सुरेश मिंडा
|
कांग्रेस
|
58175
|
ओम झावर
|
बसपा
|
1182
|
साल 2008 में भी मालिनी सिंह इस सीट से विधायक थीं। लेकिन यहां कांग्रेस की तरफ से मंघानी को मैदान में उतारा था। हर बार की तर इस बार भी कांग्रेस भाजपा के इस गढ़ को फतह करना चाहेगी। ये देखना दिलचस्प होगा कि इस बार क्या कांग्रेस भाजपा की जीत के सिलसिले को तोड़ पाती है।
विधानसभा सीट इंदौर-5...
देपालपुर विधानसभा सीट से चला बीजेपी का जीत का कारवां यहां भी नहीं थमा। 2008 के बाद 2013 में एक बार फिर भाजपा ने इस सीट को कब्जे में किया। वर्तमान में यहां से भाजपा के महेंद्र हर्दिया हैं। उन्होंने कांग्रेस के पंकज सांघवी को हराकर जीत हासिल की थी।
नाम
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पार्टी
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प्राप्त मत
|
महेंद्र हर्दिया
|
भाजपा
|
106111
|
पंकज सांघवी
|
कांग्रेस
|
91693
|
जयप्रकाश सिंह
|
बसपा
|
1362
|
2008 में इस सीट से महेंद्र हर्दिया ने कांग्रस की शोभा ओझा को हराया का जो वर्तमान में मध्यप्रदेश कांग्रेस की मीडिया प्रभारी हैं।
विधानसभा सीट-महू (डॉ.भीमराव अंबेडकर नगर)...
विधानसभा सीट महू पर भी भाजपा का कब्जा है। यहां से भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय विधायक है। उन्होंने कांग्रेस के अंतर सिंह दरबार को करीब 12 हजार मतों से हराया था। 2008 में यहां के बादशाह कैलाश ही थे।
नाम
|
पार्टी
|
प्राप्त मत
|
कैलाश विजयवर्गीय
|
भाजपा
|
89848
|
अंतर सिंह दरबार
|
कांग्रेस
|
77632
|
अरुण चौहान
|
सीपीएम
|
1092
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विधानसभा सीट-राऊ...
इंदौर की इकलौती इस विधानसभा सीट पर कांग्रेस का कब्जा है। यहां से जीतू पटवारी विधायक हैं। उन्होंने भाजपा को हटाकर इस सीट पर कब्जा किया है। जीतू ने भाजपा के जीतू जिराती को करीब 19 हजार मतो से हराया था।
नाम
|
पार्टी
|
प्राप्त मत
|
जीतू पटवारी
|
कांग्रेस
|
91885
|
जीतू जिराती
|
भाजपा
|
73326
|
प्रेम सिंह गुर्जर
|
बसपा
|
776
|
2008 में इस सीट से यहीं दोनों उम्मीदवार चुनावी जंग के मौदान में उतरे थे। लेकिन इस बार जीत भाजपा के जीतू जिराती को मिली थी।
विधानसभा सीट-सांवेर...
विधानसभा सीट सांवेर अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। 2008 में यह सीट कांग्रेस के कब्जे में थी। इस दौरान तुलसीराम सिलावत यहां से विधायक थे। लेकिन 2013 में चली मोदी लहर ने तुलसीराम को दूसरे नंबर पर ला दिया और फिर यहां से भाजपा के राजेश सोनकर विधायक बने। उन्होंने तुलसीराम को करीब 18 हजार मतो से हराकर जीत हासिल की थी। वहीं, बसपा के प्रकाश परमार 2091 मत ही प्राप्त कर पाए थे।
नाम
|
पार्टी
|
प्राप्त मत
|
राजेश सोनकर
|
भाजपा
|
87292
|
तुलसीराम सिलावत
|
कांग्रेस
|
69709
|
प्रकाश परमार
|
बसपा
|
2091
|
मप्र विधानसभा चुनाव 2018 के लिए 28 नवंबर को होने वाले मतदान में इंदौर के 180 किन्नर (बृहन्नला) भी अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे जो मप्र के 52 जिलों में सबसे अधिक है। किन्नरों द्वारा मताधिकार के उपयोग के मामले में भोपाल दूसरे नंबर पर है जहां 140 किन्नर वोट डालेंगे।
किस विधानसभा क्षेत्र की सूची में कितने किन्नर दर्ज ?
विधानसभा क्षेत्र
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दर्ज किन्नर
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इंदौर-1
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16
|
इंदौर-2
|
26
|
इंदौर-3
|
32
|
इंदौर-4
|
17
|
इंदौर-5
|
28
|
देपालपुर
|
9
|
महू
|
9
|
राऊ
|
30
|
सांवेर
|
13
|