Edited By suman, Updated: 27 Jan, 2019 03:02 PM
मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर में झोलाछाप चिकित्सक की लापरवाही से एक मासूम की मौत हो गई। साईंखेड़ा के मेहरागांव में नौ साल के अतुल राजपुर का झोलाछाप बंगाली डॉक्टर से इलाज चल रहा था। डॉक्टर ने बिना खून की जांच के ही अतुल को मलेरिया के लिए लगने वाला हाई डोज...
भोपाल: मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर में झोलाछाप चिकित्सक की लापरवाही से एक मासूम की मौत हो गई। साईंखेड़ा के मेहरागांव में नौ साल के अतुल राजपुर का झोलाछाप बंगाली डॉक्टर से इलाज चल रहा था। डॉक्टर ने बिना खून की जांच के ही अतुल को मलेरिया के लिए लगने वाला हाई डोज का इंजेक्शन लगा दिया। इंजेक्शन लगाने के बाद से अतुल की तबियत ज्यादा खराब हुई और कुछ देर बाद उसकी मौत हो गई। आंखों के सामने बच्चे की मौत होने के बाद माता-पिता दोनों बेहोश हो गए और ग्रामीणों ने अतुल का अंतिम संस्कार किया।
मामले में मृतक अतुल के दादा सोबरन ने जानकारी देते हुए बताया कि 'बच्चे की मौत के बाद उन्होंने पुलिस में आरोपी डॉक्टर की शिकायत की। पुलिस ने मृतक के शव को खुदवाया और पोस्टमार्टम के लिए साईंखेड़ा अस्पताल भिजवाया। साईंखेड़ा अस्पताल में चिकित्सक के नहीं मिलने से पुलिस शव को गाडरवाड़ा लेकर गई। जहां मृतक का पोस्टमार्टम किया जाएगा। परिजनों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर ही न्याय की उम्मीद टिकी है।'
मामले में सीएमएचओ अनीता अग्रवाल का कहना है कि 'जिस डॉक्टर की लापरवाही से बच्चे की मौत हुई है, चिकित्सा विभाग उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगा। साईंखेड़ा चिकित्सक के अस्पताल में नहीं मिलने पर भी सीएमएचओ ने कार्रवाई का आश्वाशन दियाा। मामले में गाडरवाड़ा अस्पताल के सहायक सर्जन इसे विभाग की गलती बता रहे हैं, तो साथ ही झोलाछाप डॉक्टर के इलाज को भी मौत के लिए जिम्मेदार मान रहा हैं। डॉक्टर राजेश बोररे का कहन है कि पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही मामला साफ हो पाएगा।'