Edited By ASHISH KUMAR, Updated: 26 Mar, 2019 12:22 PM
लोकसभा चुनाव के लिए जारी की गई बीजेपी की जारी की गई पहली सूची से किसी को खुशी मिली तो किसी के हाथ निराशा लगी है। निराश हुए नेताओं ने बगावत के सुर भी तेज कर दिए हैं। जिसमें बीजेपी के पांच बार के सांसद रहे मुरैना के महापौर अशोक अर्गल भिंड से टिकट नहीं...
भिंड: लोकसभा चुनाव के लिए जारी की गई बीजेपी की जारी की गई पहली सूची से किसी को खुशी मिली तो किसी के हाथ निराशा लगी है। निराश हुए नेताओं ने बगावत के सुर भी तेज कर दिए हैं। जिसमें बीजेपी के पांच बार के सांसद रहे मुरैना के महापौर अशोक अर्गल भिंड से टिकट नहीं मिलने से नाराज हो गए हैं और उनके पार्टी से इस्तीफा देने के चर्चा होने लगी है। कयास लगाए जा रहे हैं कि अशोक अर्गल कांग्रेस में जा सकते हैं।
दरअसल, बीजेपी ने भिंड दतिया संसदीय लोकसभा सीट से पूर्व विधायक संध्या राय को प्रत्याशी बनाया है जबकि अशोक अर्गल यहां से प्रबल दावेदार कर थे। हालांकि घनश्याम पिरोनिया सहित तमाम नेता भी टिकट की दौड़ में थे लेकिन अशोक अर्गल के नाम की ज्यादा चर्चा थी। वहीं बीजेपी की सूची जारी होते ही उनकी सारी उम्मीदों पर पानी फिर गया और पार्टी ने अशोक अर्गल को टिकट देने से वंचित रखा है। जिसके बाद से ही बगावती तेवर सामने आये हैं। सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा उफान पर है कि बीजेपी से 5 बार सांसद रह चुके तथा वर्तमान में मुरैना के महापौर अशोक अर्गल कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। कांग्रेस के कुछ बड़े नेता उनके संपर्क में है।
टिकट वितरण से नाराज अशोक अर्गल ने अपनी ही पार्टी की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। अर्गल ने कहा कि एक पार्टी में दो नियम कैसे हो सकते हैं? मैंने पांच साल इंतजार किया। उसके बाद भी टिकट नहीं दिया। जबकि दूसरे व्यक्ति (नरेंद्र तोमर) को पहले मुरैना से टिकट दिया जाता है। फिर मुरैना सीट छोड़कर ग्वालियर से मिल जाता है। उनकी जब इच्छा होती है, वे क्षेत्र बदल लेते हैं। अर्गल ने कहा कि मैं अब स्वतंत्र होना चाहता हूं। उन्होंने यह भी कहा कि यह भाजपा अब दीनदयाल की भाजपा नहीं रही, पार्टी के टिकट वितरण के अन्याय पूर्ण रवैये से मैं दुखी हूं। पार्टी ने भिंड-दतिया सीट से ऐसे (संध्या राय) को टिकट दिया, जिसने मेरे महापौर के चुनाव में खुलकर मुझे हराने का प्रयास किया।