Edited By Vikas kumar, Updated: 27 Apr, 2020 03:46 PM
प्रदेश के श्योपुर में तहसीलदार द्वारा किसान से मारपीट का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। जिसको लेकर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने किसानों को डंडों से पीटने वाले अधिकारियों के खिलाफ....
भोपाल: प्रदेश के श्योपुर में तहसीलदार द्वारा किसान से मारपीट का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। जिसको लेकर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने किसानों को डंडों से पीटने वाले अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। वहीं उचित कार्रवाई ना करने पर सड़क पर उतरने की चेतावनी भी दी है।
वहीं श्योपुर में बीजेपी कांग्रेस के नेताओं ने बड़ौदा तहसीलदार शिवराज मीणा के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग की है। तहसीलदार के खिलाफ शिकायतें श्योपुर कलेक्टर से लेकर मानव अधिकार आयोग तक पहुंच चुकी हैं। वहीं प्रदेश के पूर्व मुख्यमत्री कमलनाथ ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि शिवराज जी आपकी 1 माह की सरकार में ही प्रदेश में किसानो का दमन प्रारंभ हो गया है। आपकी पूर्व की सरकार में अपना हक़ माँग रहे निर्दोष किसानो के सीने पर किस प्रकार गोलियाँ दागी गयी,उनके कपड़े उतारकर उन्हें थानो में बंद किया गया,उनका किस प्रकार दमन किया ,यह पूरे प्रदेश ने देखा है।
कमलनाथ ने लिखा है कि वही इतिहास आपकी वर्तमान सरकार के 1माह मे ही दोहराने का काम फिर से किया जा रहा है पूर्व में जबलपुर में एक किसान की पुलिस पिटाई से हुई मौत की घटना और अब श्योपुर जिले के सलमान्या सायलो गेहूँ ख़रीदी केन्द्र पर अन्नदाता किसानो पर अधिकारियों द्वारा बेरहमी से लाठीचार्ज व दमन की घटना। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आगे लिखा है कि कांग्रेस किसान भाइयों का दमन बर्दाश्त नहीं करेगी व सड़क से सदन तक इसके विरोध में लड़ाई लड़ेगी। श्योपुर घटना के दोषी अधिकारियों पर अविलंब कड़ी से कड़ी कार्यवाही हो,घायल किसान का समुचित इलाज सरकार कराये,खरीदी केंद्रो पर अव्यवस्था तत्काल दूर की जाये,कांग्रेस आपसे यह माँग करती है
ये है पूरा मामला
दरअसल शनिवार को किसान रमेश सलमान्या साइलो सेंटर पर गेहूं बेंचने के लिए कतार में लगा। जैसे ही गेहूं तौलने के लिए रमेश का नंबर आया, तो उसका गेहूं सैंपल में फेल कर दिया गया। जिसके बाद जब वह इसकी शिकायत लेकर वहां के तहसीलदार शिवराज मीणा के पास पहुंचा, तो तहसीलदार ने शिकायत सुने बगैर किसान के हाथ व पांव में डंडे मार दिए। इस घटना के बाद घायल किसान को लेकर कुछ नेता पाण्डोला चौकी पहुंचे और तहसीलदार पर FIR की मांग की लेकिन तहसीलदार के खिलाफ आवेदन नहीं लिया गया। इसके बाद कलेक्ट्रेट में भी जांट का भरोसा देकर किसान को वापस लौटा दिया गया।