Edited By suman, Updated: 01 Feb, 2019 04:48 PM
मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने सत्ता में आने से पहले अपने वचन पत्र में गौशाला निर्माण प्रथामिकता में शामिल रहा है। हाल ही में आगर मालवा में हुई 30 से अधिक गायों की मौत के बाद अब सरकार की नींद खुली है। किसान कर्ज माफी में उलझी कमलनाथ सरकार अब प्रदेश में...
भोपाल: देश में पहले गौ अभ्यारण्य में हुई 35 गायों की मौत के बाद प्रदेश सरकार की नींद खुल गई है। दरअसल सरकार ने गायों की स्थिति को देखते हुए गौशालाओं की जांच करने का फैसला लिया है।
गौरतलब है कि प्रदेश में करीब 614 प्रईवेट गौशाला हैं। इनमें से अधिकतर सरकारी फंड डकार रही हैं। ऐसी गौशाला अब सरकार के रडार पर हैं। राज्य की 614 निजी गौशालाएं सवालों के घेरे में आ गाई हैं, क्योंकि कई केवल नाम के लिए और अनुदान के लिए चल रही हैं। सरकार अब ऐसी फर्जी गौशालाओं पर नजर रखने और उनके खिलाफ जांच शुरू करने की तैयारी में है।
पशुपालन मंत्री लखन सिंह यादव ने कहा कि 'कई लोग सरकारी अनुदान प्राप्त कर रहे हैं। लेकिन की गौशालाओं में गायों की संख्या बहुत कम है, लेकिन अनुदान कई गायों के लिए लिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रइवेट गौशालाओं की जांच करवाई जाएगी। प्रदेश में नई गौशाला निर्माण के लिए ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है। गौशाला गायों को बचाने के लिए बनाई जाएंगी', न की किसी के हित के लिए। जिला कलेक्टरों को 1000 गौशालाएं स्थापित करने के लिए भूमि की पहचान करने के लिए भी कहा गया है।'
'जिन क्षेत्रों में गायों को अधिकतम संख्या में सड़कों पर देखा जाता है, उन्हें सरकारी गौशालाएं स्थापित करने में प्राथमिकता दी जाएगी। अपने 'वचन पत्र' में किए गए वादों में से एक को पूरा करते हुए, सरकार ने मंगलवार को अगले चार महीनों में राज्य भर में 1000 गौशालाएं खोलने का निर्णय लिया। सरकार ने दावा किया कि इन गौशालाओं में एक लाख से अधिक मवेशियों को आश्रय दिया जाएगा।'