जबलपुर में जीजा ने साले को मौत के घाट उतारा, पुलिस ने ऐसा किया खुलासा

Edited By Devendra Singh, Updated: 30 Jul, 2022 03:41 PM

jabalpur police disclosed blind murder case

जबलपुर में जीजा ने साले की हत्या कर दी। पुलिस ने आरोपी को फिंगर प्रिंट नेफिस सिस्टम के माध्यम से गिरफ्तार किया है।

जबलपुर (विवेक तिवारी): मौत के अनजाने डर ने एक 30 साल के हट्टे कट्टे युवक को हत्यारा बना दिया। उसने अपने ही साले को सिर्फ इसलिए मौत के घाट उतार दिया कही उसका साला उसे मार न डाले। जबलपुर के बरगी क्षेत्र में 2 साल पहले हुए हत्याकांड (massacre) का खुलासा जबलपुर की बरगी थाना पुलिस (bargi police station) ने तकनीकी के माध्यम से किया है। बरगी थाना पुलिस ने इस ब्लाइंड मर्डर का खुलासा (disclosed of blind murder) फिंगर प्रिंट नेफिस सिस्टम से किया है। आरोपी 2 साल बाद अब पुलिस की गिरफ्त में है।

आदतन अपराधी था मृतक: पुलिस 

हत्याकांड (massacre in jabalpur) का खुलासा करते हुए जबलपुर एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा ने बताया कि 2 साल पहले डिंडौरी का रहने वाला मृतक देवेंद्र कुमार सिंह, डिंडौरी का आदतन अपराधी था।जिसके ऊपर कई आपराधिक मामले डिंडौरी के कई थानों में दर्ज थे और कई बार वह जेल भी जा चुका था। जिसको देखते हुए डिंडौरी पुलिस ने मृतक देवेंद्र कुमार सिंह के जीवित अवस्था के फिंगर प्रिंट लेकर रखे थे। इसी बीच मृतक की बहन ने प्रेम संबंध के चलते सिवनी जिले के रहने वाले हत्याकांड के आरोपी बालसिंह मरावी से प्रेम विवाह कर लिया।

शराब पीलाकर की हत्या 

जिसका विरोध मृतक देवेंद्र कुमार सिंह ने किया था। उसी वक्त से बाल सिंह को हमेशा ही एक डर अपने साले से बना रहता था कि उसके द्वारा किये गए प्रेम विवाह के कारण मृतक देवेंद्र कुमार सिंह कही उसे जान से न मार दे। इस डर के कारण आरोपी बाल सिंह ने देवेंद्र कुमार सिंह को दूसरी शादी करवाने और काम दिलाने के बहाने 2 साल पहले जबलपुर बुलवाया और उसे खूब शराब पिलाकर बरगी के मंगेली वाले जंगल में ले गया। यहां पर शराब के नशे में धुत देवेंद्र कुमार सिंह के सर पर पत्थर से वार करके उसकी हत्या कर दी और मौके से फरार हो गया। इस पूरी घटना की जांच बरगी सीएसपी प्रियंका शुक्ला और थाना प्रभारी रितेश पांडे ने शुरू की और हत्याकांड को चुनौती के रूप में लिया और मृतक के फिंगर प्रिंट लिए और उस फिंगर प्रिंट का मिलान करने फिंगर प्रिंट जबलपुर स्थित कार्यालय भेजा।

नेफिस सिस्टम से हुई पहचान, गिरफ्त में आरोपी  

नेफिस साफ्टवेयर यानी नेशनल ऑटोमेटिड फिंगर प्रिंट आईडेन्टीफिकेशन सिस्टम में जब अज्ञात लाश के फिंगरप्रिंट तलाशे गए वह डिंडोरी का आरोपी निकला और उसके बाद जब पहचान हुई तो हत्यारों की तलाश शुरू की गई। जबलपुर की बरगी पुलिस थाना प्रभारी रितेश कुमार पांडे के नेतृत्व में डिंडौरी पहुंची और पता लगाया कि 2 साल पहले क्या हुआ था।

आरोपी का कुबूलनामा 

परिजनों ने बताया कि 2 साल पहले देवेंद्र कुमार सिंह को उसके जीजा बाल सिंह ने जबलपुर काम करने के लिए बुलाया था। तब से ही हमारा बच्चा गुम है। पुलिस को जब यह बात पता लगी तो बाल सिंह की तलाश शुरू की गई, पता चला कि वह इउस समय नागपुर में काम कर रहा है। उसके बाद बरगी थाना पुलिस ने आरोपी को नागपुर से गिरफ्तार कर लिया। आरोपी ने खुलासा किया कि उसका साला आदतन अपराधी था और जब से उसने उसकी बहन से शादी की है तभी से वह और भी मुझसे नफरत करने लगा था। लिहाजा मैंने पहले तो उससे दोस्ती की और धीरे-धीरे मैंने उसको मारने का प्लान बनाना शुरू कर दिया। क्योंकि मैं जानता था कि जिस तरह से वह अपराधी है, वह मेरी कभी हत्या कर सकता है। लिहाजा मैंने उसको रास्ते से हटाने का प्लान बना लिया और जबलपुर बुलाकर उसकी हत्या करके वापस काम में लग गया था।  

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