लोकसभा चुनाव को लेकर MP में '75 पार' वाले नेताओं की जागी उम्मीद

Edited By suman, Updated: 10 Mar, 2019 03:38 PM

loksabha elections in place of 75 cross leader leaders

लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले भाजपा ने 75 पार के फॉर्मूले से यू टर्न ले लिया है। भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक में शुक्रवार को लोकसभा चुनाव की तैयारियों और पार्टी के प्रचार अभियान पर चर्चा हुई। बैठक के बाद पार्टी सूत्रों ने बताया कि 75 साल से ज़्यादा...

भोपाल: लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले भाजपा ने 75 पार के फॉर्मूले से यू टर्न ले लिया है। भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक में शुक्रवार को लोकसभा चुनाव की तैयारियों और पार्टी के प्रचार अभियान पर चर्चा हुई। सुत्रों के अनुसार,  बैठक में निर्णय लिया गया कि, 75 साल से ज़्यादा उम्र वाले नेताओं को बीजेपी टिकट दे सकती है, लेकिन उन्हें सरकार या पार्टी में कोई जिम्मेदारी नहीं दी जाएगी।


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वहीं सवाल उठ रहे हैं कि क्या भाजपा में वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, बीसी खंडूरी, शांता कुमार, करिया मुंडा जैसे नेता 75 वर्ष की आयु को पार कर चुके हैं। क्या इन नेताओं को 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी का टिकट दिया जाएगा। मिली जानकारी के अनुसार, यह फार्मूला इन नेताओं पर लागू नहीं होगा, पार्टी इन नेताओं को लोकसभा चुनाव 2019 में आराम दे सकती है। इस बीच मध्य प्रदेश में भी 75 पार के नेताओं में उम्मीद जाग गई है। पार्टी नाराज नेताओं को मानाने में जुटी हुई है, ऐसे में यह फैसला उन बुजुर्ग नेताओं के लिए उम्मीद बना है, जिन्हें उम्र के चलते विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिला।
 

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मध्य प्रदेश में जागी उम्मीद
सुत्रों के अनुसार,  इस फैसले के बाद भाजपा के भीतर चल रहे असंतुष्ट नेताओं का गुस्सा शांत हो जाएगा और वे चुनाव से एन पहले बगावत नहीं कर पाएंगे। भाजपा के ताजा फैसले से मध्यप्रदेश में भी 75 पार कर चुके उम्र दराज नेताओं को उम्मीद जागी है कि वे अभी पार्टी से बाहर नहीं किए गए हैं। मध्यप्रदेश में जब भी उम्र दराज नेताओं की बात आती है, तो सबसे पहले बाबूलाल गौर, सरताज सिंह, नागेंद्र सिंह, कुसुम मेहदेले का नाम आता है। यह सभी नेता अपने आपको बुजुर्ग नहीं मानते हैं और चुनाव लड़ने का दम रखते हैं। दूसरी ओर उम्र दराज नेताओं में लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, ज्ञान सिंह भी हैं।

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बाबूलाल गौर पर टिकी निगाहें
विधानसभा चुनाव में गौर और सरताज ने जमकर ताल ठोकी थी, तब टिकट कटने से नाराज सरताज कांग्रेस में चले गए| लेकिन उन्हें हार मिली। अब पार्टी चुनाव से पहले सबको एक करने की कोशिश में लगी है। वहीं ताजा फैसला इन नेताओं के लिए उम्मीद बन गया है, एक बार फिर यह खुलकर टिकट की मांग कर सकते हैं। बाबूलाल गौर विधानसभा चुनाव में टिकट कटने के बाद से ही वह बार-बार लोकसभा चुनाव लड़ने की चर्चाओं को लेकर सुर्ख़ियों में रहे, कांग्रेस से ऑफर भी मिला। अब सबकी नजर गौर के रुख पर है, क्यूंकि 75 पार के फॉर्मूले ने ही गौर को साइडलाइन किया था। अब गौर एक बार फिर ताल ठोक सकते हैं| इसके अलावा पूर्व मंत्री कुसुम महदेले तो खुलकर टिकट की डिमांड कर चुकी हैं।

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