Edited By shahil sharma, Updated: 16 Mar, 2021 10:37 AM
पूर्व मंत्री व विधायक जयवर्धन सिंह ने महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए बजट में निर्धारित जेंडर बजट के उपयोग में गंभीर लापरवाही के आरोप लगाए हैं। अपने बयान में उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जेंडर बजट के प्रति कितनी गंभीर है। वह इसी से पता लगाया जा सकता है...
ग्वालियर(अंकुर जैन): पूर्व मंत्री व विधायक जयवर्धन सिंह ने महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए बजट में निर्धारित जेंडर बजट के उपयोग में गंभीर लापरवाही के आरोप लगाए हैं। अपने बयान में उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जेंडर बजट के प्रति कितनी गंभीर है। वह इसी से पता लगाया जा सकता है कि 10 मार्च 2021 को उनके प्रश्न के उत्तर में जेंडर बजट पर विभाग द्वारा वार्षिक प्रतिवेदन में दी गई जानकारी को ही नकार दिया।
जेंडर बजट केवल एक औपचारिकता बनकर रह गया है। विधानसभा में दिए जा रहे उत्तर भी सही नहीं हैं। मैं अपने प्रश्न और सदन में मंत्री द्वारा दिये गये उत्तर और विभाग द्वारा जारी वार्षिक प्रशासकीय प्रतिवेदन के संबंधित अंश की छायाप्रति संलग्न कर रहा हूं। इससे स्पष्ट हो जायेगा कि जेण्डर बजट और विधानसभा के प्रति सरकार कितनी गंभीर है।
जयवर्धन सिंह ने कहा कि वर्ष 2021-22 के बजट अनुमान में विभागवार जेंडर बजट किया गया है। इसमें सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग बजट अनुमान में जेण्डर बजट में कोई भी प्रावधान नहीं किया गया है। विभाग के तहत रोजगार की तीन महत्वपूर्ण योजनाओं मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना, मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना आती हैं।
इन तीनों योजनाओं के तहत महिलाओं के स्वरोजगार एवं उद्यम विकास के लिये सरकार ने फूटी कौड़ी भी नहीं दी है। इसका मतलब है कि इन तीनों योजनाओं में महिला हितग्राहियों को राशि नहीं मिल सकेगी।