Edited By suman, Updated: 18 Aug, 2018 06:41 PM
डिजिटल इंडिया के नारे को बढ़ावा देने वाली सरकार ने भ्रष्टाचार के चलते सालों पहले बंद की जा चुकी नगद पेंशन वितरण की प्रक्रिया को फिर से शुरू कर दिया है। सामाजिक न्याय विभाग ने बैंकों के माध्यम से सीधे वृद्धों के घर पेंशन भेजने की इस योजना को 8 जिलों...
भोपाल : डिजिटल इंडिया के नारे को बढ़ावा देने वाली सरकार ने भ्रष्टाचार के चलते सालों पहले बंद की जा चुकी नगद पेंशन वितरण की प्रक्रिया को फिर से शुरू कर दिया है। सामाजिक न्याय विभाग ने बैंकों के माध्यम से सीधे वृद्धों के घर पेंशन भेजने की इस योजना को 8 जिलों में प्रायोगिक तौर पर शुरू भी कर दिया है, अन्य जिलों में भी जल्द यह प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
इसलिए बदली व्यवस्था
केंद्र एवं राज्य सरकार की सभी तरह की पेंशन राशि हितग्राहियों के खातों में ही पहुंच रही हैं। लेकिन शासन को शिकायतें मिल रही थी हैं कि बैंक दूर होने की वजह से हितग्राहियों को पेंशन मिलने में परेशानी हो रही है। योजना के तहत बैंक के कर्मचारी पांच किमी के दायरे में रहने वाले वृद्धों के घर जाकर पेंशन का भुगतान कर रहे हैं। हर महीने की सात तारीख को पेंशन बांटने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं अब बैंक के पांच किमी के दायरे से बाहर रहने वाले वृद्धों के खाते नजदीक पोस्ट ऑफिस में खुलवाए जाएंगे। यहाँ भी बैंक पैटर्न ही लागू होगा। पोस्टमैन घर जाकर वृद्धों को पेंशन राशि देगा।
इन जिलों में बंटेगी नगद पेंशन
पायलट प्रोजेक्ट के तहत सीधी, सतना, दतिया, सिवनी, अलीजरापुर, मंडला, उमरिया एवं शहडोल जिले में नगद पेंशन का वितरण किया गया। हर जिले में 3-3 गांवों को चिह्नित किया गया है। पायलट प्रोजेक्ट के तहत जिलों के लीड बैंक ही गांवों में जाकर पेंशन राशि का वितरण करेंगे।