पवई विधायक प्रहलाध लोधी को SC से राहत, भाजपा ने कांग्रेस पर जमकर साधा निशाना

Edited By meena, Updated: 06 Dec, 2019 04:47 PM

pawai mla prahlad lodhi relieved from sc

पवई विधानसभा से बर्खास्त भाजपा विधायक प्रहलाद लोधी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। शुक्रवार को मध्यप्रदेश सरकार द्वारा दायर विशेष याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। इस फैसले के बाद यहां एक ओर कांग्रेस सरकार...

भोपाल(इजहार हसन खान): पवई विधानसभा से बर्खास्त भाजपा विधायक प्रहलाद लोधी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। शुक्रवार को मध्यप्रदेश सरकार द्वारा दायर विशेष याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। इस फैसले के बाद यहां एक ओर कांग्रेस सरकार को बड़ा झटका लगा है तो वहीं अब भाजपा इस फैसले पर गदगद है और बाजे गाजे के साथ विधायक का वेलकम करने की तैयारी कर रही है।

शिवराज ने कसा तंज
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कांग्रेस सरकार पर हमला बोलते हुए ट्वीट किया कि विधायक प्रहलाद लोधी को सुप्रीम कोर्ट से भी राहत मिल गई है। स्पीकर ने विधायक को असंवैधानिक तरीके से अयोग्य घोषित किया था। प्रदेश सरकार ने घटिया हरकत की और एक महीने तक क्षेत्र की जनता को अपने जनप्रतिनिधि से वंचित रखने का महापाप किया। प्रहलाद लोधी के मामले में जब हाईकोर्ट ने सज़ा को स्टे कर दिया था, तो अयोग्यता भी स्वतः समाप्त हो गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने उस फैसले को बरकरार रखा है। सरकार ने जो ओछी हरकत की है, वह लोकतंत्र का गला दबाने वाली है। संविधान की धज्जियां उड़ाने वाली है।


सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पराशर ने ट्वीट कर कांग्रेस पर हमला बोला। उन्होंने लिखा 'पवई विधायक की सदस्यता मामले में कांग्रेसी षड्यंत्र पर सुप्रीम कोर्ट का करारा तमाचा। हाईकोर्ट के निर्णय को सुप्रीम कोर्ट ने सही माना। राज्य सरकार की याचिका खारिज। सजा और दंड दोनों पर रोक। विधायक जी अब गाजे-बाजे के साथ पहुंचेंगे विधानसभा'। 

 

नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने भी ट्वीट करते हुए कहा कि दुख की बात है कि विधायक को न्याय के लिए इतना संघर्ष करना पड़ा। इसके लिए सिर्फ और सिर्फ विधानसभा अध्यक्ष ही जिम्मेदार है।

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विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ लाएंगे विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव-पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा
पूर्व मंत्री नोरत्तम मिश्रा ने भाजपा विधायक प्रहलाद लोधी की सदस्यता के मामले में विधानसभा अध्यक्ष की भूमिका को लेकर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि पहले उच्च न्यायालय और अब सुप्रीम कोर्ट ने प्रहलाद लोधी के पक्ष में निर्णय दिया है। विधानसभा अध्यक्ष ने विधायक को उनके अधिकारों से वंचित किया है। अल्पमत की सरकार बचाने के लिए विधानसभा अध्यक्ष लगातार गलत कार्रवाई कर रहे हैं। हम विधि विशेषज्ञों से राय लेकर प्रहलाद लोधी के माध्यम से विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाएंगे।
 

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ये था पूरा मामला
एक साल पहले तहसीलदार से पिटाई के मामले में पवई विधायक प्रह्लाद लोधी को भोपाल की स्पेशल कोर्ट ने दोषी मानते हुए 2 साल की सजा सुनाई थी। जिस पर जबलपुर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी। हालांकि लोधी को जमानत भी मिल गई थी, लेकिन मध्यप्रदेश विधानसभा के स्पीकर एनपी प्रजापति ने विधानसभा से प्रहलाद लोधी की सदस्यता को रद्द कर दी थी और चुनाव आयोग को एक पद रिक्त होने की सूचना दे दी थी। इसे लेकर भाजपा कांग्रेस आमने-सामने आ गई थी। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राकेश सिंह ने कहा था कि भाजपा विधायक प्रहलाद लोधी की सदस्यता खत्म करने का फैसला राजनीतिक बदले की भावना से लिया गया था। 

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