Edited By suman, Updated: 28 Feb, 2019 04:54 PM
लोकसभा चुनाव नजदीक आते ही सीएम कमलनाथ ने अफसरों के प्रति सख्च रवैया अपनाना शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में सीएम कमलनाथ ने कॉंफ्रेस कर दो टूक कह दिया कि प्रदेश में अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही व्यवस्था में बदलाव की जरूरी है। इस दिशा में सरकार काम...
भोपाल: प्रदेश में कानून व्यवस्था को सुदृढ़ बनाए रखने के लिए सीएम कमलनाथ ने अफसरों के प्रति सख्च रवैया अपनाना शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में सीएम कमलनाथ ने कॉंफ्रेस कर दो टूक कह दिया कि प्रदेश में अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही व्यवस्था में बदलाव की जरूरी है। इस दिशा में सरकार काम कर रही है। बदली हुई व्यवस्था में संभागायुक्त अपनी भूमिका खुद तय करें। वे योजनाओं की मॉनीटरिंग करें और सरकार को रिपोर्ट भेजें।
मुख्यमंत्री ने अफसरों को चेताया कि जन-सुनवाई, सीएम हेल्पलाइन और लोक सेवा गारंटी जैसी व्यवस्थाएं दिखावे के लिए न हो। केवल वही समस्या मंत्री, मंत्रालय और मुख्यमंत्री तक आएं जिनका समाधान जिला स्तर पर न हो। उन्होंने अफसरों से तल्ख लहजे में कहा कि 'कमिश्नर और कलेक्टर संभाग और जिला स्तर पर सरकार का चेहरा हैं। दोनों अधिकारी जनता और सरकार के बीच नोडल पॉइंट हैं, इसलिए इनकी भूमिका महत्वपूर्ण है। जब सबसे कमजोर और गरीब वर्ग को तत्काल और त्वरित न्याय मिलेगा, तभी प्रदेश में सुशासन की स्थापना कर पाएंगे। सुशासन का अर्थ है कमजोर और गरीब वर्गों को त्वरित न्याय। जहां सुशासन नहीं है वहां समस्याएं अधिक हैं। निवेश नीति से नहीं वातावरण और विश्वास से आता है। कौशल विकास के बाद नौजवानों को रोजगार भी मिले। ऋण माफी योजना का तय समय-सीमा में किसानों को लाभ मिले।'
अड़ंगा लगाने वाले नियम-कानून को बदलेंगे
सीएम ने आगे कहा कि, 'आज जो मौजूदा व्यवस्था काम कर रही है, वह 60-70 साल पुरानी है। इस व्यवस्था को हमें आज के संदर्भ में बदलना होगा ताकि वह लोगों की अपेक्षाओं पर खरा उतरे। कानून और नियम के कारण आम आदमी को दिक्कत नहीं होना चाहिए, जरूरत पड़ी तो इन्हें बदला भी जाएगा। नाथ ने कहा कि मेरा अनुभव यह है कि जिस जिले में सुशासन नहीं है, वहां समस्याओं के सबसे अधिक आवेदन मिलते हैं और यही उस जिले का रिपोर्ट कार्ड बतलाता है। उन्होंने कहा कि आज जरूरत इस बात की है कि जनता से जुड़ी संस्थाओं को ऐसा स्वरूप दें कि वे तत्काल तत्परता के साथ लोगों की समस्याओं का समाधान कर सकें'।