Edited By Devendra Singh, Updated: 07 Jun, 2022 04:45 PM
अंबिकापुर के हसदेव आरण्य (hasdeo arand) के जंगल (forest) को कटने से बचाने के लिए ग्रामीण लंबे समय से विरोध कर रहे हैं। इसस बार ग्रामीणों का साथ खुद प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव ने दिया है।
जेपी एक्का (अम्बिकापुर): हसदेव आरण्य (hasdeo arand) के जंगल (forest) को कटने से बचाने के लिए ग्रामीण लंबे समय से विरोध कर रहे हैं और अब इस विरोध की आग छत्तीसगढ़ के साथ-साथ देश के कई कौनों तक फैल चुकी है और सामाजिक संगठन के साथ साथ आम नागरिक भी हसदेव के जंगल (forest of hasdeo arand) को कटने का विरोध कर रहा है। बीजेपी (bjp) ने भी राज्य सरकार पर आरोप लगाया है। जिसके बाद स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव (t s singhdeo) ग्राम बासेन और घाट बर्रा के जंगल होते हुए हरिहरपुर पहुंचे और ग्रामीणों से मुलाकात की।
हसदेव के जंगल बचाने के लिए मुहिम
लड़ेंगे जीतेंगे के नारे के साथ हरिहरपुर घाटबर्रा फतेहपुर के ग्रामीण लंबे समय से जंगल को बचाने के लिए विरोध कर रहे हैं और यह विरोध की लहर प्रदेश के साथ-साथ देश के कई कोनों तक पहुंच चुकी है। कई सामाजिक संगठन भी ग्रामीणों के साथ देने उनके गृह ग्राम पहुंच रहे हैं और साथ ही हसदेव के जंगल को बचाने के लिए जगह-जगह आम लोग प्रदर्शन कर रहे हैं। इन्हीं प्रदर्शनों को देखते हुए कई राजनीतिक पार्टियां भी ग्रामीणों तक पहुंचकर राज्य सरकार पर निशाना साध रही हैं।
सरकार को घेरने के प्रयास में विपक्ष
आप, भाजपा और छत्तीसगढ़ क्रांति सेना ने भी ग्रामीणों के पास पहुंचकर राज्य सरकार को आड़े हाथों लिया है। वहीं इस मामले में राज्य सरकार (state government) की किरकिरी भी हो रही है। इन्हीं सबके बीच टी एस सिंहदेव ग्राम बासेन पहुंचे और वहां से घाटबर्रा के जंगल, यहां ग्रामीणों से मुलाकात करने के बाद टी एस सिंहदेव ने वन विभाग के द्वारा काटे गए पेड़ों का निरीक्षण किया। हालांकि इस दौरान ग्रामीणों में सरकार के प्रतिनिधि के प्रति काफी आक्रोश भी देखने को मिला। स्वास्थ्य मंत्री ने ग्रामीणों को आश्वस्त किया है कि यदि ग्रामीण (villagers) एक साथ है तो सिंहदेव उनके साथ खड़े हैं और बदूक लेकर आने वाले लोगों की पहली गोली भी खाने को तैयार है।
टी एस सिंहदेव ने दिया जंगल नहीं काटे जाने का आश्वासन
वहीं मीडिया के सवालों के जवाब में सिंहदेव ने बताया कि कंपनी के द्वारा कोल खनन के लिए जो मापदंड तय किए गए हैं। वह यहां पर दिखाई नहीं दे रहे हैं। कोल खनन के लिए पहले से ही जो गड्ढे खदे गए हैं, वह गड्ढे अब तक भरे नहीं जा सके हैं। वहीं पेड़ लगाने की जो बात हुई थी वह भी धरातल पर नजर नहीं आ रही है। ग्रामीणों में आक्रोश देखने को मिल रहा है, उस आक्रोश को कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी (rahul gandhi) तक पहुंचऊंगा। इसके साथ ही जिला प्रशासन के द्वारा भी राज्य सरकार को सही जानकारी नहीं दी जा रही है, जिससे मुख्यमंत्री (cm bhupesh baghel) भी भ्रमित हैं। मुख्यमंत्री से भी इस विषय को लेकर चर्चा करूंगा। टी एस सिंहदेव ने कहा कि हसदेव के जंगल को बचाने के लिए ग्रामीण पीछे हटने को तैयार नहीं है।
जंगल के लिए जान देने को तैयार ग्रामीण
ग्रामीणों का कहना है कि जान चली जाएगी, लेकिन जंगल कटने नहीं देंगे। हालांकि स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव (health minister chhattisgarh) के पहुंचने और ग्रामीणों के इस विषय को लेकर मुख्यमंत्री से चर्चा करने की बात कहने से ग्रामीणों में एक उम्मीद जगी है। बहरहाल टी एस सिंहदेव (t s singhdeo) ग्रामीणों के बीच गोली खाने तक की बात कह चुके हैं। वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री के बयान से साफ है कि कोल खनन हो कर रहेगा। ऐसे में क्या टी एस सिंहदेव ग्रामीणों के जंगल जमीन बचा पाएंगे या यह जंगल राजनीतिक द्वंत का शिकार हो जाएगा।