Edited By meena, Updated: 18 Dec, 2022 07:17 PM
आजकल हार्ट अटैक और कर्डियेक अटैक के ऐसे मामले सामने आ रहे है जो बेहद हैरान है। कहीं किसी की नाचते नाचते, तो कहीं किसी की चलते चलते अटैक से मौत हो रही है। लेकिन मध्य प्रदेश के भिंड में बेहद हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है।
भिंड(योगेंद्र भदौरिया): आजकल हार्ट अटैक और कर्डियेक अटैक के ऐसे मामले सामने आ रहे है जो बेहद हैरान है। कहीं किसी की नाचते नाचते, तो कहीं किसी की चलते चलते अटैक से मौत हो रही है। लेकिन मध्य प्रदेश के भिंड में बेहद हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। जहां स्कूल बस में चढ़ते चढ़ते 12 साल के मासूम की मौत हो गई। अचानक मौत में कार्डियेक अरेस्ट के लक्षण देखने को मिले हैं। डॉक्टरों ने इसे चिंताजनक बताया और इसके पीछे कोरोना के आफ्टर इफेक्ट्स मान रहे हैं।
मामला भिंड ज़िले की है जहां जामना रोड निवासी कोमल जाटव का 12 साल का बेटा मनीष घर से इटावा रोड स्थित निजी स्कूल पढ़ने गया था, जब वह स्कूल से छुट्टी होने पर घर जाने के लिए बस में चढ़ा तो सीट पर बैठते बैठते ही अचानक बेहोश हो कर गिर पड़ा, जिसके बाद बस ड्राइवर ने स्कूल प्रिंसिपल को सूचित किया। उसे होश में लाने की कोशिश भी की गई लेकिन वह होश में नहीं आया तो तुरंत चौथी कक्षा के छात्र मनीष के परिवार को सूचना की गई। उसे लेकर प्रबंधन और परिजन जिला अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया।
जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉक्टर अनिल गोयल ने बताया कि बच्चे को लेकर कुछ लोग आए थे, उस वक़्त वे भी ओटी से बाहर आए ही थे, उनकी टीम ने बच्चे को सीपीआर दे कर रिकवर लेने की कोशिश भी की, लेकिन सारे प्रयास विफल रहे, उन्होंने बताया कि अस्पताल आने से पहले ही बच्चे की मौत हो चुकी थी। चूंकि ये सडन डेथ का मामला था जो ज्यादातर कार्डियेक अरेस्ट की वजह से होती है, ऐसे में जो भी लक्षण बताये गए वे कार्डियेक अरेस्ट के हैं इसलिए हार्ट अटैक से उसकी मौत की पूरी संभावना है।
हार्ट अटैक के मामले में पोस्ट कोविड- इफेक्ट भी आ रहे हैं सामने...
डॉ अनिल गोयल का कहते है कि कोरोना के बाद से यह स्टडी में भी आया है कि कोरोना से इफेक्टेड हुए मरीजों में बायोपैथी हुई यानी कार्डियेक या मसल्स को प्रॉब्लम आई है,जिससे कार्डियेक अरेस्ट का खतरा बहुत ज़्यादा है इसकी वजह से भी ये अटैक आ सकते हैं।
मेडिकल टीम अब फैमिली की मेडिकल हिस्ट्री की करेगी स्टडी...
हालांकि इतनी कम उम्र में हार्ट अटैक आना काफ़ी चिंता का विषय है। बच्चे के परिजन ने पोस्टमार्टम तो नहीं कराया लेकिन अब डॉक्टर्स की टीम उनके घर जाकर उनके परिवार से मिलेगी उनकी फ़ैमिली मेडिकल हिस्ट्री को लेकर स्टडी करेगी।
कार्डियक अरेस्ट के ये हो सकते हैं कारण...
जब हमने इस केस को लेकर चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉ आरके मिश्रा से बात की तो वे कहते हैं कि, इस केस में बच्चा जब आया तो उसकी मौत हो चुकी थी, सडन डेथ के केस नवजात से लेकर बड़े बच्चों में भी देखने को मिलते हैं छोटे बच्चों में इसे सिट्स कहा जाता है, इसके पीछे का मुख्य कारण बच्चे के सोते समय उसके स्वांस नली में सलाईवा या दूध चला जाता है जिसकी वजह से उनकी अचानक मौत हो जाती है।
चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉ आरके मिश्रा मानते हैं कि बड़े बच्चे की सडन डेथ के कोई भी कारण हो सकते है। उसे कोई एडवांस डिसीज हो जिसके बारे में परिवार को भी पता ना हो। कोविड इन्फेक्शन के बाद भी कई कॉम्प्लिकेशन आ रहे हैं हो सकता है उसे भी कोविड इन्फेक्शन हुआ हो पहले इसी वजह से उसे कॉम्प्लिकेशन का सामना करना पड़ा हो।
बच्चों के मामले में क्या-क्या रखा है सावधानियां
स्कूल भेजते समय घर से कुछ खिलाकर ही भेजे
बच्चे ज़्यादा समय तक भूखे पेट ना रखें
स्कूल में भी शिक्षक इस बात का ध्यान रखे बच्चों को समय रहते लंच करायें क्योंकि अगर उसे पहले से कोई बीमारी होगी तो भूखा रहने पर ब्लड शुगर कम होगा और स्ट्रोक भी आ सकता है।
सर्दियों में घर से जब बच्चा स्कूल या बाहर जाए तो सर्दी से पूरी तरह उसका बचाव रहे, उसे गर्म कपड़े ज़रूर पहनायें।
समय समय पर हेल्थचेकप करना भी अति आवश्यक है।