Edited By meena, Updated: 15 Dec, 2020 07:26 PM
किसान आंदोलन में अब मध्यप्रदेश के किसानों ने भी ताल ठोक दी हैं। हालांकि यहां के किसान नए किसान कानून को रद्द नहीं बल्कि संशोधन की मांग कर रहे हैं। इनकी मांग है की सरकार हमें एमएसपी की गारंटी दे दे और कुछ थोड़ा सा संसोधन कर ले तो वह मान जाएंगे। अपनी...
खंडवा(निशात सिद्दीकी): किसान आंदोलन में अब मध्यप्रदेश के किसानों ने भी ताल ठोक दी हैं। हालांकि यहां के किसान नए किसान कानून को रद्द नहीं बल्कि संशोधन की मांग कर रहे हैं। इनकी मांग है की सरकार हमें एमएसपी की गारंटी दे दे और कुछ थोड़ा सा संसोधन कर ले तो वह मान जाएंगे। अपनी बात को मनवाने के लिए किसानों ने आज इंदौर इक्षापुर हाइवे को जाम कर दिया। जिला कलेक्टर के आश्वासन के बाद इन्होंने जाम खोल दिया।
पूरे भारत में किसान परेशान हैं। फिर चाहें वह पंजाब का किसान हो या फिर दक्षिण भारत का किसान। एक वो किसान है जो दिल्ली में नए कृषि कानून को रद्द करने की मांग कर रहा हैं तो वहीं मध्यप्रदेश का किसान अपनी मांगों को मनवाने के लिए खेत छोड़ सड़क पर आ गया हैं। सभी सरकार के नए नियम कायदे को लेकर मंगलवार को आंदोलन किया। बेशक इनकी मांगे अलग अलग हो सकती हैं लेकिन सरकार से नाराजगी सभी की एक जैसी हैं। फिर चाहें राज्य सरकारें हो या केंद्र सरकार।
खंडवा में आज आरएसएस से जुड़े किसान संगठन भारतीय किसान संघ ने सरकार के प्रति नाराजगी जताते हुए और अपनी मांगों को मनवाने के लिए इंदौर इक्षापुर हाइवे को जाम कर दिया। किसान संघ का कहना है की नए किसान कानून में संसोधन किया जाना चाहिए। अगर सरकार हमें एमएसपी की गारंटी देती हैं और हमारी मांगों के मुताबिक कानून में संशोधन करती हैं तो हम सरकार के इस नए कानून का पूरी तरह समर्थन करेंगे। किसानों ने स्थानीय भाषा के मुहावरें में चेतावनी देते हुए कहा कि शादी के पहले हल्दी लगते हैं। सरकार अभी समझ ले नहीं तो अभी पूरी शादी बाकि हैं। हमारी मांगे नहीं मानी तो किसान हमारे इशारे का इंतज़ार कर रहा हैं।