Edited By ASHISH KUMAR, Updated: 12 Feb, 2019 06:32 PM
प्रदेश में पूरे 15 साल सत्ता से दूर रहने के बाद कांग्रेस के हाथ में मध्यप्रदेश की बागडोर हाथ लगी है।जिसका लोकसभा चुनाव में कांग्रेस उपयोग करना चाहती है। जिसके चलते मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रदेश के मंत्रियों को साफ कह दिया गया है कि...
भोपाल: प्रदेश में पूरे 15 साल सत्ता से दूर रहने के बाद कांग्रेस के हाथ में मध्यप्रदेश की बागडोर हाथ लगी है। जिसका लोकसभा चुनाव में कांग्रेस उपयोग करना चाहती है। जिसके चलते मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रदेश के मंत्रियों को साफ कह दिया गया है कि लोकसभा चुनाव में हरहाल में कांग्रेस को बेहतर प्रदर्शन करना है इसलिए अभी से अपने काम में जुट जाएं। उन्होंने सख्ती से कहा है कि लोकसभा चुनाव के परिणाम के बाद तय होगा कि आगे किस मंत्री को रखा जाएं ओर किसको बाहर किया जाएं।
इस दिशा निर्देश के बाद कांग्रेस अब पूरी तरह से आक्रमण होकर भाजपा पर वार करने लगी है। प्रदेश में फिलहाल कांग्रेस के पास सिर्फ 3 लोकसभा सीटे है जबकि भाजपा के पास 26 सीटे है। इस बार कांग्रेस 26 सीटो को टारगेट बनाकर अपनी रणनीति बना रही है, लेकिन भाजपा की चाल आगे किस तरह से चल सकती है इसको भी कांग्रेसी ध्यान में रख रहे है। यही कारण है कि मंत्रियों के ऊपर इस बार तिहरी जिम्मेदारी डाल दी है।
अब मंत्रियों के सामने यह समस्या आ गई है कि लोकसभा चुनाव के लिए समय काफी कम है ओर कई मंत्री तो ऐसे है अपने प्रभार वाले जिले में सिर्फ एक बार ही पहुंचे है। वहीं इनमें से कुछ मंत्रियों को ऐसे जिले का प्रभार दिया गया है। जहां से कांग्रेस काफी मजबूत है। जबकि कुछ एक मंत्री तो अपने प्रवाभित जिले में सिर्फ एक बार ही पहुंचे है।