Edited By suman, Updated: 25 May, 2019 12:40 PM
लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस में घमासान शुरु हो गया। चौंकाने वाली बात तो यह है कि, कमलनाथ के मंत्री-विधायक ही अपने बूथों पर प्रत्याशियों को जीत नहीं दिला पाए। अब हार का ठीकरा कांग्रेसी एक दूसरे पर फोड़ रहे हैं। जबकि मुख्यमंत्री कमलनाथ...
भोपाल: लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस में घमासान शुरु हो गया। चौंकाने वाली बात तो यह है कि, कमलनाथ के मंत्री-विधायक ही अपने बूथों पर प्रत्याशियों को जीत नहीं दिला पाए। अब हार का ठीकरा कांग्रेसी एक दूसरे पर फोड़ रहे हैं। जबकि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पहले ही सब मंत्रियों को चेतावनी देते हुए कहा था कि इंदौर हर हाल में जीतना है अगर ऐसा नही हुआ तो उनके मंत्री पद पर विचार किया जाएगा। इसी बीच चुनाव के दौरान इंदौर की जिम्मेदारी संभाल रहे मंत्री जीतू पटवारी का बड़ा बयान सामने आया है।जीतू का कहना है कि, मंत्रियों से इस्तीफा मांगना मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार होता है। वे कहेंगे तो मैं दे दूंगा।
हार के बाद ये कहा जीतू पटवारी ने
दरअसल, शुक्रवार शाम को कमलनाथ सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी प्रेस क्लब में मीडिया से मुखातिब हुए। जहां उन्होंने हार स्वीकारते हुए कहा कि इसके लिए किसी को जिम्मेदार ठहराना ठीक नहीं है। जहां तक ईवीएम में गड़बड़ी का सवाल है तो इस बारे में पार्टी के वरिष्ठ नेता निर्णय लेंगे। हम जनादेश का आदर करते हैं। अपनी बात जनता को समझाने में हम नाकामयाब रहे। कार्यकर्ताओं ने जी-जान से मेहनत की, लेकिन लोगों ने मोदी को जिताने का मन बना रखा था। जनता का मन पढ़ने में हम असफल हुए। लोकसभा चुनाव में हारने के बावजूद हमारी सरकार को खतरा नहीं है। हम पांच साल का कार्यकाल पूरा करेंगे और फिर अपने काम का लेखा-जोखा जनता के सामने लेकर जाएंगे।
वहीं मंत्रियों के इस्तीफे को लेकर पूछे सवाल पर पटवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री कमल नाथ ने मुझे मंत्री बनाया है। वे चाहेंगे तो मैं इस्तीफा दे दूंगा। यह मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है कि वे जिसे चाहें मंत्री रखें। मुख्यमंत्री ने सभी मंत्रियों को रविवार को भोपाल बुलाया है। इसमें पार्टी की हार पर चर्चा हो सकती है।इससे पहले शनिवार को विधायक दल की बैठक बुलाई गई है जिसमे हार के कारणों की समीक्षा होगी।