Edited By Jagdev Singh, Updated: 09 Mar, 2020 06:11 PM
मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार आंगनबाड़ी केंद्रों में काम करने वाली कार्यकर्ता और सहायिका के साथ स्वास्थ्य सेवाएं देने वाली आशा कार्यकर्ता के लिए मुख्यमंत्री कल्याण योजना लागू करेगी। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने महिला दिवस के मौके पर स्वास्थ्य मंत्री तुलसीराम...
भोपाल: मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार आंगनबाड़ी केंद्रों में काम करने वाली कार्यकर्ता और सहायिका के साथ स्वास्थ्य सेवाएं देने वाली आशा कार्यकर्ता के लिए मुख्यमंत्री कल्याण योजना लागू करेगी। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने महिला दिवस के मौके पर स्वास्थ्य मंत्री तुलसीराम सिवालट और महिला एवं बाल विकास मंत्री इमरती देवी को योजना का मसौदा तैयार करने के निर्देश दिए हैं।
इस योजना का फायदा स्वास्थ्य और महिला एवं बाल विकास विभाग की ढाई लाख कर्मचारियों को मिलेगा। 18 मार्च को प्रस्तुत होने वाले बजट में इसकी विधिवत घोषणा की जा सकती है। सरकार के इस कदम को कुछ महीने में होने वाले नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव से जोड़कर भी देखा जा रहा है।
मध्य प्रदेश में अभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका और आशा कार्यकर्ताओं को सिर्फ मानदेय मिलता है। सेवा समाप्त होने के बाद इनके भविष्य को लेकर कोई प्रावधान नहीं है। कांग्रेस ने वचन पत्र में ढाई लाख कार्यकताओं को लेकर योजना बनाने का वादा किया गया था। योजना में सेवा समाप्त होने के बाद कार्यकर्ताओं को एक निश्चित रकम मिले, इसके लिए फार्मूला तैयार किया जाएगा।
इसके अतिरिक्त स्वास्थ्य सुविधा के मद्देनजर आयुष्मान जैसी योजना से जोड़ने और स्वास्थ्य बीमा के साथ वाहन या आवास खरीदी पर ब्याज अनुदान भी दिया जा सकता है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि वित्त विभाग के अधिकारियों के साथ योजना के प्रावधानों को प्रदेश में उपलब्ध वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता को देखते हुए निर्णय लिया जाएगा।
सरकार इस कदम का लाभ नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव में मिल सकता है, क्योंकि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका और आशा कार्यकर्ताओं का गांव-गांव तक पहुंच होती है। प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष सैय्यद जाफर ने बताया कि मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य और महिला एवं बाल विकास मंत्री को मुख्यमंत्री कल्याण योजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं।