Edited By meena, Updated: 30 Mar, 2024 11:26 AM
गरियाबंद के सुपेबेड़ा में आज एक और किडनी रोगी की मौत हो गई है...
गरियाबंद(फारुक मेनन): गरियाबंद के सुपेबेड़ा में आज एक और किडनी रोगी की मौत हो गई है। 47 वर्षीय पीड़ित नवीन सोनवानी 2017 से किडनी पीड़ित रहा है। दो माह पहले ही इसे एम्स में भर्ती कराया गया था। मजदूर परिवार के सामने एम्स के अधूरे निशुल्क इलाज के सामने आर्थिक समस्या आई तो आधे अधूरे इलाज छोड़ भाग कर आना पड़ा। पिछले 15 दिनों से पीड़ित अपने घर पर रह कर अंतिम सांसे गिन रहा था। इसी बीच आज उसकी मौत हो गई। सुपेबेड़ा के ग्रामीण अपनी आखों से पल पल सामने आती मौत को देखने विवश है।
2005 से लेकर अब तक किडनी रोग से मरने वालों की संख्या 97 हो गई है। इस बीच भाजपा, कांग्रेस और पुनःभाजपा की सरकार आ गई है किंतु सुपेबेड़ा के ग्रामीणों की किस्मत की लकीरों को अब तक कोई बदल नहीं पाया है। हालांकि यहां पहुंच कर दोनों राजनीतिक पार्टी के नेताओं ने बड़ी-बड़ी घोषणाएं की किंतु अमली जामा पहनाने में अब भी वक्त लग रहा है। हालांकि इस पीड़ित गांव के लोगों को सरकारो ने आर्थिक मदद भी दी है। भाजपा सरकार ने जहां आर्थिक मदद दी वहीं कांग्रेस सरकार ने इनसे वादा किया कि वे तेल नदी से स्वच्छ पानी लाकर देंगे किंतु इन पांच सालों के दौरान सिर्फ शिलान्यास तक हो पाया है। आज भी स्वच्छ पानी के लिए यह ग्रामीण तरस रहे हैं।
महत्वपूर्ण बात यह है कि दोनों सरकारें इस बीमारी के कारणों की जांच करने के लिए अनेक प्रयास कर चुकी है कोई किंतु कोई भी सरकार बीमारी के कारणों का पता नहीं लगा पाई। आपको बता दे कि लगातार मौत के बीच पिछले 15 सालों में इस गांव के सुविधा बढ़ाने की सरकारी पहल कछुआ गति से चल रहा है। हैरानी की बात भी यह है कि सुपेबेड़ा एवं आसपास के गांव के ही लोग किडनी व बीमारी से क्यों ग्रसित हो रहे है, इस सवाल का जवाब भी सरकार नहीं ढूंढ पाई है।