इतिहास बन गया ऑर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड, अब यंत्र इंडिया लिमिटेड से होगा काम

Edited By Vikas Tiwari, Updated: 03 Oct, 2021 04:31 PM

history has become ordnance factory board

अपने 79 वर्षो का गौरवशाली इतिहास बना चुका कटनी का आयुध निर्माणी अब यन्त्र इंडिया लिमिटेड हो गया है। यह हश्र सिर्फ कटनी आयुध निर्माणी का नहीं बल्कि देश की सभी 41 आयुध निर्माणियों का हो गया है। सरकारी जिद ने इन आयुध निर्माणियों का अस्तित्व खत्म करके...

कटनी (संजीव वर्मा): अपने 79 वर्षो का गौरवशाली इतिहास बना चुका कटनी का आयुध निर्माणी अब यन्त्र इंडिया लिमिटेड हो गया है। यह हश्र सिर्फ कटनी आयुध निर्माणी का नहीं बल्कि देश की सभी 41 आयुध निर्माणियों का हो गया है। सरकारी जिद ने इन आयुध निर्माणियों का अस्तित्व खत्म करके रख दिया है। यही नहीं सरकार ने कलकत्ता स्थित आयुध निर्माणी बोर्ड को भंग कर दिया है।

PunjabKesari, Ordnance Factory Katni, Ordnance Factory, Ammunition, Cannon, Incorporation of Ordnance Factory

रक्षा मंत्रालय की महत्वपूर्ण फैक्टरी आयुध निर्माणियां 1 अक्टूबर से निगमीकरण की भेंट चढ़ गई है। देश की 41 ऑर्डनेन्स फैक्टरी अब भारत सरकार का एक उपक्रम उद्यम हो गई है। देश मे कार्यरत सभी आर्डिनेंस फैक्ट्री को दो वर्ष के लिए सात कंपनियों में तब्दील कर दिया गया। देश की यह सभी 41 ऑर्डनेन्स फैक्टरी जब भी देश पर विपत्ति आई है, या यूं कहें कि जब भी युद्ध हुआ, इनके सभी कर्मचारियों ने रात-दिन 24 घण्टे बिना आराम करे, कमर तोड़ मेहनत कर सेना को युध्द सामग्री सहित अन्य उपकरण व सुविधाएं उपलब्ध कराई हैं। इतना गौरवशाली इतिहास संजोए आयुध निर्माणियों के कर्मचारी उस दो रहे पर खड़े है। जहां उनको अपना भविष्य दिखाई ही नही दे रहा है।

PunjabKesari, Ordnance Factory Katni, Ordnance Factory, Ammunition, Cannon, Incorporation of Ordnance Factory

कटनी जिले की शान समझी जाने वाली 1942 में स्थापित आर्डिनेंस फेक्ट्री का भी निगमीकरण कर दिया गया। इन आयुध निर्माणी फैक्टरी में आर्मी व अर्ध सुरक्षा बलों के लिए हथियार व अन्य फैक्ट्री में गाड़ी व तोप का निर्माण होता है। कटनी के आयुध निर्माणी में अभी भी 800 से ज्यादा लोग काम कर रहे हैं। आयुध निर्माणियों के निगमीकरण व निजीकरण के विरोध में फेडरेशन द्वारा लगातार विरोध किया जाता रहा है। फैक्ट्री के निगमीकरण को लेकर कर्मचारियों में खासा रोष दिखाई दे रहा है। कर्मचारी हितों का दम भरने वाली कुछ यूनियन सरकारी तंत्र से लड़ने की बजाए अपने साथियों को पीठ दिखाकर सरकार के साथ खड़ी हो गई, वहीं कुछ यूनियन मरते दम तक लड़ाई लड़ने की बात पर अडिग है।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!