Edited By ASHISH KUMAR, Updated: 16 Apr, 2019 12:47 PM
ई-टेंडर घोटाले में ईओडब्ल्यू की विवेचना ने रफ्तार पकड़ ली है। घोटाले के मुख्य सूत्रधार ओएसडी नंदकिशोर ब्रह्मे ने पूछताछ के दौरान ईओडब्ल्यू के सामने बड़े खुलासे किए हैं। जिसमें ब्रह्मे ने बताया कि मध्य प्रदेश सरकार के जिन विभागों में ई टेंडर टेंपरिंग...
भोपाल: ई-टेंडर घोटाले में ईओडब्ल्यू की विवेचना ने रफ्तार पकड़ ली है। घोटाले के मुख्य सूत्रधार ओएसडी नंदकिशोर ब्रह्मे ने पूछताछ के दौरान ईओडब्ल्यू के सामने बड़े खुलासे किए हैं। जिसमें ब्रह्मे ने बताया कि मध्य प्रदेश सरकार के जिन विभागों में ई टेंडर टेंपरिंग करके गड़बड़ी की जाती थी, उन विभागों में पदस्थ आईएएस अधिकारियों को ई टेंडर में गड़बड़ी करके उपकृत होने वाली कंपनियां ठेके के बदले निश्चित राशि कमीशन के रूप में देती थी।
ई-टेंडर घोटाले में रिश्वत खोरी का एक नया तरीका अपनाते हुए अधिकारियों ने इस राशि के लिए बीच में दलाल बना रखे थे जिनके बैंक खातों में इस राशि का एक बड़ा हिस्सा जमा होता था और बाकी राशि नगद के रूप में पहुंचाई जाती थी। अब तक लोक निर्माण विभाग, नगरीय प्रशासन विभाग ,नर्मदा घाटी ,जल संसाधन, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में गड़बड़ी के सारे सबूत मिल गए हैं। अधिकारी जिन दलालों के माध्यम से रिश्वत लेते थे।उनकी पहचान कर ली गई है जो सारे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सचिवालय में पदस्थ रहे हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि आने वाले दिनों में प्रदेश के कुछ वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों के खिलाफ ईओडब्लू एफ आई आर दर्ज कर सकता है।