Edited By meena, Updated: 13 Jun, 2023 04:29 PM
छतरपुर में जनसुनवाई के दौरान अफसरशाही की दबंगई का मामला सामने आया है।
छतरपुर (राजेश चौरसिया): छतरपुर में जनसुनवाई के दौरान अफसरशाही की दबंगई का मामला सामने आया है। जहां जनसुनवाई में अपनी फरियाद लेकर आई अपने पिता के साथ एक मूक-बधिर नाबालिग बच्ची अपने ईलाज के लिए जनसुनवाई में पहुंची थी जिसपर वे पहले CMHO डॉ. लखन तिवारी से मिले जिसपर की CMHO ने गुस्से और तैश में आकर अभद्रता कर बैठे और उस नाबालिग दिव्यांग मूक बधिर को 2 झापड़ मारकर बाहर निकाल देने की बात कही जो कि उस नाबालिग के पिता को नागवार गुजरी और वह CMHO से बोल पड़ा कि आप मेरी दिव्यांग बेटी जो कि बोल नहीं पा रही उससे ऐसा (2 थप्पड़ मारने का) क्यों बोल रहे हो तो साहब की सिट्टी-पिट्टी गुम हो गई। और वह शांत हो गए हंगामा सुन जिला पंचायत CEO और ADM ने पूछा तो उसने बताया कि साहब जनसुनवाई में ही मेरी बेटी को थप्पड़ मारने की बात कह रहे हैं तो CEO मैडम तपस्या सिंह परिहार और ADM नमः शिवाय अरजरिया ने पत्रकारों से कैमरे बंद करने को कहा और फिर उसकी बात सुनी बावजूद उसकी शिकायत पर कार्यवाही न करते हुए पीड़ित/फरियादी (पिता पुत्री) को यहां से जाने के लिए बोल दिया।
●यह है पूरा मामला..
जानकारी के मुताबिक छतरपुर जिले के घुवारा के रहने वाले संजय गुप्ता अपनी 14 साल की बेटी पूनम गुप्ता जो कि मूक, बधिर, दिव्यांग हिनको लेकर बीती 2 जून को हेलीपैड पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से उसके ईलाज के लिए मिले थे और आवेदन भी दिया था। जिसपर कि CM ने मौके पर ही कलेक्टर को मामले में कार्यवाही कर सहयोग के लिए बोला था जिसके चलते वह बेटी को लेकर CMHO के पास पहले गया हुआ था पर उनके द्वारा कोई काम/सहयोग नहीं किया गया। जिसपर कि वह आज जनसुनवाई में अपनी फरियाद लेकर पहुंचा था जिसपर कि उसे देख CMHO साहब ने उसे देखा तो उसकी बेटी और उसपर भड़क गए और बेटी को 2 झापड़ रसीदकर बाहर निकलाने की बात कही, जिसपर कि बच्ची को रोना आ गया तो उसके पिता से न रहा गया और वह CMHO साहब से ऐसा करने की वजह पूछने लगा तो वे जवाब न दे सके और चुपचाप बैठ गए। इस बीच हंगामा सुन वहीं जनसुनवाई में मौजूद CEO और ADM ने बात को सुना और जाना कि मामला क्या है। मामला जान वे हक्के-बक्के रह गये और मामले को वहीं रफ्फा-दफ्फा कर उन्हें वापिस भेज दिया।