Edited By Prashar, Updated: 28 Jul, 2018 02:38 PM
मध्य प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्रियों को भोपाल में आवंटित सरकारी आवास का मामला एक बार फिर गर्म हो गया है। राज्य सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को छोड़ बाकी तीनों पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी, उमा भारती और बाबूलाल गौर को गणमान्य नागरिक की...
भोपाल : मध्य प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्रियों को भोपाल में आवंटित सरकारी आवास का मामला एक बार फिर गर्म हो गया है। राज्य सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को छोड़ बाकी तीनों पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी, उमा भारती और बाबूलाल गौर को गणमान्य नागरिक की श्रेणी में मौजूदा बंगले ही आवंटित कर दिए है। हालांकि, अब तीनों को बंगलों में रहने के लिए शुल्क देना होगा।
वहीं, इस मामले में दिग्विजय सिंह के मुख्य सचिव को लिखे पत्र पर अभी कोई कार्यवाही नहीं हुई है। दिग्विजय सिंह ने मुख्य सचिव को पत्र लिख स्टाफ के लिए दफ्तर की मांग की है। इस मामले को लेकर सियासत तेज हो गई है। दिग्विजय के पत्र पर सरकार की तरफ से कोई जवाब नहीं दिया गया है।
दरअसल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर गृह विभाग ने आवास आवंटन के आदेश जारी कर दिए। इससे पहले हाईकोर्ट जबलपुर ने एक जनहित याचिका पर फैसला सुनाते हुए पूर्व मुख्यमंत्रियों को निशुल्क आजीवन सरकारी आवास की सुविधा के प्रावधान को अवैधानिक करार देते हुए एक महीने में कार्यवाही करने के आदेश दिए थे।
इसके बाद सरकार ने 18 जुलाई को चारों पूर्व मुख्यमंत्रियों के आवास आवंटन को निरस्त करने के आदेश जारी किए थे। लेकिन अब गृह विभाग ने दिग्विजय सिंह को छोड़ बाकी तीनों पूर्व मुख्यमंत्रियों को दोबारा वही बंगले आवंटित कर दिए हैं।