Edited By meena, Updated: 30 May, 2021 11:22 PM
मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने टीकाकरण को लेकर एक चिट्ठी जारी की जो सोशल मीडिया में वायरल हो गई। सरकार की फजीहत ऐसी हुई कि सरकार को तुरंत एक अन्य चिट्ठी जारी करनी पड़ी। दरअसल, स्वास्थ्य विभाग की तरफ से एक चिट्ठी जारी की गई थी कि जिसमें प्रदेश में...
भोपाल: मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने टीकाकरण को लेकर एक चिट्ठी जारी की जो सोशल मीडिया में वायरल हो गई। सरकार की फजीहत ऐसी हुई कि सरकार को तुरंत एक अन्य चिट्ठी जारी करनी पड़ी। दरअसल, स्वास्थ्य विभाग की तरफ से एक चिट्ठी जारी की गई थी कि जिसमें प्रदेश में सेक्स वर्कर को टीका लगेगा आदेश जारी किया गया था। सरकारी चिट्ठी में सेक्स वर्कर लिखा देख लोगों ने तरह तरह के सवाल उठाए जिसके बाद विभाग ने मामले को संज्ञान में लिया और एक अन्य नई चिट्ठी जारी की गई। जांच में पता चला कि यह टाइपिंग एरर है। सैलून वर्कर की जगह, सेक्स वर्कर टाइप हो गया था।
कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अवर मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान की तरफ से रविवार को प्रदेश के सभी कलेक्टर के नाम एक पत्र जारी किया गया था। इस पत्र में उच्च जोखिम समूह का कोरोना टीकाकरण प्राथमिकता से किए जाने संबंधी निर्देश दिए गए हैं। समूह में सेक्स वर्कर को भी शामिल किया गया था। इसे लेकर तरह-तरह टिप्पणियां होने लगी। सोशल मीडिया पर लोगों ने सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए पूछा कि क्या मप्र सरकार प्रदेश सेक्स वर्कर को स्वीकार करती है?
कांग्रेस का तंज
वहीं, वायरल चिट्ठी को लेकर कांग्रेस ने सरकार पर तंज कसा है। एमपी कांग्रेस ने ट्वीट करते हुए कहा कि "एमपी में सेक्स वर्कर को पहले वैक्सीन, कहीं ये बीजेपी नेताओं की विशेष मांग पर तो नहीं? शिवराज जी, वरीयता तय करिए पर लज्जा बनी रहे, वैसे भी अब जनता बीजेपी नेताओं के गिरते चरित्र से भलीभांति परिचित है।"