चोरी के मामले में पुलिस को मिली सफलता, मेकिंग चार्ज और जीएसटी काटकर खरीद रहे चोरी का सामान

Edited By meena, Updated: 12 Jun, 2024 01:48 PM

police got success in the theft case in rajnandgaon

राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ में चोरी की घटनाओं में लगातार हो रही कार्रवाई के बावजूद भी चोरी की घटनाएं...

राजनांदगांव (देवेन्द्र गोरले): राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ में चोरी की घटनाओं में लगातार हो रही कार्रवाई के बावजूद भी चोरी की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही। ताजा मामला डोंगरगढ़ शहर के भीमनगर का है। जहां पर ममता इंदुरकर के घर से डेढ़ लाख के गहने चोरी होने का मामला सामने आया था। जिसे थाना प्रभारी ने गंभीरता से लेते हुए अपने उच्च अधिकारी को अवगत करा टीम गठित कर पतासाजी कर पूरे मामले में पुलिस ने एक नाबालिग सहित उसके सहयोगी दोस्त रौनक राजपूत को गिरफ्तार किया है। पुलिस की माने तो आरोपी ने यारी दोस्ती में पैसे खर्च करने के लिए चोरी की घटना को अंजाम दिया था। चोरी किए गहनों- ज़ेवरात में से आधे सोना चांदी को आरोपी ने मणिपुरम गोल्ड लोन में गिरवी रखा था तो वही कुछ चोरी के आभूषणों को शहर के प्रतिष्ठित आदर्श ज्वैलर्स को बेचा था।

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हालांकि पुलिस ने चोरी के सोना चांदी के पूरे आभूषण को बरामद कर लिया है। आपको बता दें कि इसके पूर्व भी कालकापारा में जो चोरी हुई थी उसमें तीन सोनार विजय ज्वेलर्स, आदर्श ज्वेलर्स और मां बम्लेश्वरी ज्वेलर्स का नाम सामने आया था और इस चोरी में भी दोबारा आदर्श ज्वेलर्स का नाम सामने आया है लेकिन पुलिस ने दोनों प्रकरण से इन्हें दूर रखा है।

आपको बता दें कि इसके पूर्व महाराष्ट्र से चोरी किए गए सोने को मनीपुरम गोल्ड लोन में चोर द्वारा गिरवी रखा गया था उस समय भी बैंक मैनेजर मुंह छिपाते फिर रहे थे और बैंक को सप्ताह भर बंद रखा गया और इस बार भी भीमनगर में हुई चोरी का कुछ सोना मनीपुरम गोल्ड लोन में गिरवी रखा जो जांच का विषय है। चूंकि सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन के अनुसार चोरी करना और चोरी का सामान खरीदने पर धारा 411 के तहत तीन साल की सजा या जुर्माना दंडित किया जा सकता है लेकिन वहीं इसका दूसरा पहलू यह भी है कि यदि खरीदने वाले को यह पता ना हो कि वह चोरी का सामान है और वह उस वस्तु के पूरे दाम देता है तो वह धारा 411 की श्रेणी में नहीं आयेगा और उसे आरोपी नहीं बनाया जायेगा।

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डोंगरगढ़ में कुछ सराफा व्यापारियों ने कानून के चंगुल से बचने के लिए ये नई तकनीक अपनाई है जिससे वे चोरी का सामान भी खरीद ले और अपराध की श्रेणी में भी ना आये। ऐसे व्यापारी मेकिंग चार्ज और जीएसटी काटकर बिना बिल के सोना चांदी खरीद रहे हैं और पुलिस कार्यवाही होने पर रजिस्टर दिखाकर कहते हैं साहब हमें नहीं पता था कि वह सामान चोरी का है। वो हमारा रेगुलर कस्टमर है इसलिए बिना बिल के ले लिया लेकिन इसी मेकिंग चार्ज और जीएसटी में वे अपनी कमाई निकाल रहे हैं। जिसके चलते पुलिस भी इन पर कार्यवाही नहीं कर पा रही है और जनता की नजर में पुलिस की छवि धूमिल हो रही है।

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