Edited By meena, Updated: 05 Dec, 2019 02:00 PM
हाथों में मंहदी लगाए व कमर में कटार लटकाए एक युवक नगर निगम के चक्कर काट रहा है। दूसरी तरफ उसकी मंगेतर भी मेंहदी रचाकर सात फेरे होने की इंतजार कर रही है। निगम ने पहले उसे 22, फिर 28 नवंबर और अब 5 दिसंबर...
ग्वालियर: हाथों में मंहदी लगाए व कमर में कटार लटकाए एक युवक नगर निगम के चक्कर काट रहा है। दूसरी तरफ उसकी मंगेतर भी मेंहदी रचाकर सात फेरे होने की इंतजार कर रही है। निगम ने पहले उसे 22, फिर 28 नवंबर और अब 5 दिसंबर को शादी कराने की तारीख दे दी।
जानकारी के अनुसार, किलागेट संजय शाक्य बुधवार को अपने होने वाले साले घासमंडी निवासी अनिल को लेकर निगम मुख्यालय में शादी का कूपन लेने पहुंचा। लेकिन हमेशा की तरह इस बार भी उसे अगली तारीख 5 दिसंबर दे दी गई। यह सुनकर दूल्हा परेशान हो गया। संजय की सबसे बड़ी परेशानी यह थी कि उसने बुधवार को मंडप का खाना देने सारे मेहमान भी घर पर बुला लिए।
मामला वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंचा तो उन्होंने इसे अधीनस्थ अधिकारियों की लापरवाही बताया। आलम यह है कि संजय सरकारी तंत्र की उलझन में अपनी शादी की तारीख तय होने का इंतजार करने के अलावा कुछ नहीं कर सकता।
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में मिलते हैं 51 हजार रुपए
दरअसल, सामूहिक विवाह सम्मेलनों में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत शादी करने पर वर-वधू को 51 हजार रुपए की सहायता राशि का चैक मिलता है। ऐसे सामूहिक विवाह समारोहों का निगम भी साल में तीन-चार बार आयोजन करता रहता है। बताया जा रहा है कि सरकार बदलने के बाद जब फंड रोक दिया गया तो निगम ने यह आयोजन करना बंद कर दिया। वहीं निगम अधिकारियों ने भी तर्क दिया कि योजना के तहत 5 जोड़े होना जरूरी हैं, लेकिन पूरे जोड़े नहीं हो पा रहे।