Edited By Vikas Tiwari, Updated: 13 Feb, 2021 05:47 PM
निजीकरण का विरोध कर रहे कम्पनियों के कर्मचारियों अधिकारियों द्वारा भी 4 माह से चर्चा के लिए मुख्यमंत्री से समय मांगा जा रहा है। समय नहीं मिलने से यूनाइटेड फोरम में गुस्सा है। इसको लेकर फोरम ने मुख्यमंत्री और ऊर्जा मंत्री को एक बार फिर चिट्ठी लिखी...
भोपाल (इजहार हसन खान): मध्यप्रदेश में बिजली कंपनियों को राज्य सरकार ने 19 हजार करोड़ की सब्सिडी नहीं चुकाई है। इसलिए कभी भी विद्युत सप्लाई का सिस्टम गड़बड़ा सकता है।
निजीकरण का विरोध कर रहे कम्पनियों के कर्मचारियों अधिकारियों द्वारा भी 4 माह से चर्चा के लिए मुख्यमंत्री से समय मांगा जा रहा है। समय नहीं मिलने से यूनाइटेड फोरम में गुस्सा है। इसको लेकर फोरम ने मुख्यमंत्री और ऊर्जा मंत्री को एक बार फिर चिट्ठी लिखी है, और लिखा है कि 15 दिन में सुनवाई नहीं हुई, तो प्रदेश भर के कर्मचारी-अधिकारी विरोध में हड़ताल पर जा सकते हैं। फोरम ने कोरोना काल में स्टाफ की कमी के बावजूद विद्युत सप्लाई और राजस्व वसूली में किसी तरह की कमी न होने की बात भी इसमें बताई है और कहा है कि अधिकारियों द्वारा इसके बाद भी प्रताड़ित किया जा रहा है।