Edited By meena, Updated: 07 Mar, 2024 12:12 PM
भगवान भोलेनाथ की महिमा अपरंपार है तो उनके भक्त भी अलबेले हैं...
जबलपुर(विवेक तिवारी): भगवान भोलेनाथ की महिमा अपरंपार है तो उनके भक्त भी अलबेले हैं। ऐसे ही एक भक्त थे दानवीर कर्ण जिन्होंने जंगल के बीचों बीच भगवान भोलेनाथ का अनोखा मंदिर बनवाया था जहां कर्ण ने शिवलिंग के दर्शन किए थे। जबलपुर से 25 किलोमीटर दूर जंगल के बीचों बीच तेवर के पास भडपुड़ा गांव से होते हुए आप इस अति प्राचीनतम शिव मंदिर तक पहुंच सकते हो। यहां तक पहुंचने के लिए पहले आपको रोड मिलेगी लेकिन आगे खेत और फिर जंगल और आप इस मंदिर तक पहुंच जाओगे तो यहां का अद्भुत दृश्य देखने को मिलेगा।
आपको यहां बेहद रमणीय स्थल देखने को मिलेगा। चारों तरफ जंगल ही जंगल और जंगल के बीच भोले बाबा विराजमान होंगे। मंदिर के पास से ही सिद्ध झरना बहता है जिसका जल कभी सूखता नहीं है। कहा जाता है यही जल यहां से निकलते निकलते मां नर्मदा में मिल जाता है।
कहा जाता है इसी जल से दानवीर कर्ण यहां पर स्थापित भगवान भोलेनाथ का अभिषेक किया करते थे और उसके बाद दानवीर कर्ण त्रिपुर सुंदरी मंदिर पहुंचते थे। जहां बताया जाता है कि राजा कर्ण को मां बेशुमार सोना दिया करती थी जिससे वे जनता के बीच जाकर दान करते थे। इसके साथ ही यहां पर सिद्ध बाबा के भी दर्शन कर सकते हैं।
अतिरमणीय और प्राचीन इस शिव मंदिर के बारे में कम ही लोगों को पता है लेकिन जिसको भी पता है वे भक्त शांति की तलाश में इस अद्भुत स्थान में पहुंच जाते हैं। और भगवान भोलेनाथ की आराधना में लीन हो जाते हैं। कहा जाता है इस निर्जन स्थल पर जो भी भक्त पहुंचते हैं और भगवान भोलेनाथ का अभिषेक करते हैं उनकी सभी मनोकामना भगवान भोलेनाथ पूर्ण कर देते हैं।
तेवर के पास स्थित इस शिव मंदिर में आपको गिने-चुने ही भक्त नजर आएंगे। लेकिन कहा जाता है कि कठिन रास्ते को पार करते हुए ऐसे ही भक्त भगवान भोलेनाथ के मंदिर में पहुंच जाते हैं। लोग तो यह भी कहते हैं कि देवता भी भगवान भोलेनाथ का दर्शन करने के लिए हर दिन यहां पर स्वयं पहुंचते हैं।