Edited By Vikas Tiwari, Updated: 31 May, 2021 03:34 PM
देश में कोरोना के खिलाफ जारी टीकाकरण अभियान को लेकर कई लोग लापरवाही बरतते नजर आ रहे हैं। कुछ शहरों के तो ये हाल हैं की सरकार ने फ्रंट लाइन वर्कर का दर्जा कर्मचारियों को दिया है। इसके बावजूद भी कर्मचारी वैक्सीन की अहमियत नहीं समझ रहे हैं, और वैक्सीन...
उज्जैन: देश में कोरोना के खिलाफ जारी टीकाकरण अभियान को लेकर कई लोग लापरवाही बरतते नजर आ रहे हैं। कुछ शहरों के तो ये हाल हैं की सरकार ने फ्रंट लाइन वर्कर का दर्जा कर्मचारियों को दिया है। इसके बावजूद भी कर्मचारी वैक्सीन की अहमियत नहीं समझ रहे हैं, और वैक्सीन लगवाने के लिए वैक्सीनेशन सेंटर्स पर नहीं पहुंच रहे हैं। ऐसे लोगों के लिए अब उज्जैन नगर निगम के आयुक्त ने आदेश जारी किया है, की जो भी निगम का कर्मचारी वैक्सीन नहीं लगायेगा। उसका मई माह का वेतन रोक दिया जाएगा। हलांकि कमिश्नर ने ये भी कहा की जिन लोगों ने वैक्सीन का एक डोज लगाया है। उनकी सैलरी नहीं रोकी जाएगी।
30 प्रतिशत कर्मचारियों ने नहीं लगाया टीका...
उज्जैन के निगम कमिश्नर क्षितिज सिंघल ने कहा की राज्य सरकार और केंद्र सरकार ने दूसरे चरण में निगम के कर्मचारियों को फ्रंट लाइन वर्कर मानकर वेक्सिनेशन करने के आदेश दिए थे। लेकिन उज्जैन नगर निगम करीब 1600 कर्मचारियों में से अब तक मात्र 70 प्रतिशत कर्मचारियों ने ही वेक्सीन लगवाया है, इसमें कुछ अधिकारी भी शामिल हैं। कर्मचारियों की इस लापरवाही को देखते हुए अब कमिश्नर ने आदेश निकाला है, की मई माह की सैलरी उन्हें ही मिलेगी। जिन्होंने अपना पहला या दूसरा डोज वेक्सिनेशन करवा लिया है। दरअसल कमिश्नर उज्जैन ने साफ़ कहा है, की अगर टीका नहीं लगवाया, तो उनका अगले महीने का वेतन रोक दिया जाएगा।
वैक्सीन लगवाने के लिए बाध्य नहीं कोई भी कर्मचारी ...
उज्जैन नगर निगम कमिश्नर के इस आदेश का कर्मचारियों पर का असर होता है, ये आने वाला समय बताएगा। लेकिन क्षितिज सिंघल ने कहा है की निगम कर्मी दिनभर जनता के बीच भीड़ वाले इलाको में काम करते हैं। उनकी सेफ्टी के लिए वेक्सीन जरुरी है। हालांकि देशभर में कोरोना टीकाकरण किया जा रहा है। इसमें फ्रंटलाइन स्वास्थ्यकर्मियों और निगम कर्मी सहित अब आम लोगो को भी वैक्सीन लगाई जा रही है। लेकिन कोरोना का टीका लगवाना सरकार की तरफ से अनिवार्य नहीं किया गया है। इसे लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से साफ कहा गया है। कि वैक्सीन लगवाना बिल्कुल स्वैच्छिक है। कोई भी शख्स वैक्सीन लगवाने के लिए बाध्य नहीं है। मंत्री यादव ने निगम कमिश्नर के पक्ष में कहा कि इसमें कोई गलत नहीं अपने कर्मचारियों को सुरक्षित रखने का सबको अधिकार है। मंत्री यादव ने ये भी कहा विश्वविद्यालयों में हमने 100% वैक्सीनेशन करवाया। घरों में हम बुजुर्गों को संक्रमण से बचाने के लिए वैक्सीनेशन करवा रहे हैं।