Edited By meena, Updated: 28 Oct, 2022 01:55 PM
वैसे तो पाडों (भैंसों) की लड़ाई प्रतिबंधित है, इसके बावजूद प्रदेश के विभिन्न जिलों में लगातार दो दिनों से पाड़े लड़ाए जा रहे हैं। खास बात यह कि बरसों से चली आ रही इस रोमांचक परंपरा को देखने के लिए लोगों की काफी भीड़ भी जमा होती है।
उज्जैन(विशाल सिंह): वैसे तो पाडों (भैंसों) की लड़ाई प्रतिबंधित है, इसके बावजूद प्रदेश के विभिन्न जिलों में लगातार दो दिनों से पाड़े लड़ाए जा रहे हैं। खास बात यह कि बरसों से चली आ रही इस रोमांचक परंपरा को देखने के लिए लोगों की काफी भीड़ भी जमा होती है।
भाईदूज के अवसर पर पाड़ों की लड़ाई का आयोजन बरसों से होता आ रहा है। शहर में कई लोग हैं जो पूरे साल पाड़ों को घी पिला पिलाकर इस लड़ाई के लिए तैयार करते हैं। ख़ासकर यादव समाज के लोगों में इस लड़ाई के प्रति सबसे ज्यादा जुनून देखा जाता है। लंबे समय से चली आ रही इस परंपरा को देखने के लिए दर्शकों को भी इंतजार रहता है।
गुरुवार को होटल इम्पीरियल के पीछे पाड़ों की लड़ाई के रोमांचक मुकाबले देखने को मिले। इस दौरान मैदान में उतारने से पहले पाड़ों को शराब पिलाई गई ताकि पाड़े और ज्यादा आक्रमक होकर लड़े। जिसमें एक पाड़े का तो सिंग भी टूट गया।