Edited By meena, Updated: 07 Dec, 2023 12:36 PM
उज्जैन भैरवगढ़ क्षेत्र स्थित काल भैरव मंदिर से बुधवार शाम को बाबा काल भैरव की सवारी निकाली गई।
उज्जैन (विशाल सिंह): उज्जैन भैरवगढ़ क्षेत्र स्थित काल भैरव मंदिर से बुधवार शाम को बाबा काल भैरव की सवारी निकाली गई। इससे पहले बाबा की श्रृंगार किया गया। परंपरा के अनुसार सिंधिया परिवार की ओर से बाबा को पगड़ी पहनाई गई। सवारी निकलने के पहले कलेक्टर ने बाबा काल भैरव की प्रतिमा का पूजन आरती कर सवारी को आगे बढ़ाया।
काल भैरव मंदिर से सवारी प्रारंभ होकर केंद्रीय जेल भैरवगढ़ पहुंची। यहां पर जेल प्रशासन ने भगवान काल भैरव की अगवानी के लिए साज-सज्जा की थी। इस दौरान जेल सुपरिटेंडेंट मनोज साहू ने पालकी में विराजित बाबा काल भैरव का पूजन कर आरती की। वहीं जेल गेट पर पुलिस बल ने बाबा को गार्ड ऑफ ऑनर दिया। जेल के अंदर से ही बड़ी संख्या में कैदियों ने बाबा भैरवनाथ के दर्शन किए। पूजन के पश्चात सवारी शिप्रा तट सिद्धनाथ मंदिर पहुंची।
कैदियों ने जमकर बरसाए फूल
काल भैरव की सवारी आती देख केंद्रीय भेरूगढ़ जेल में कैदियों ने फूलों की बरसात की। जय काल भैरव के जयकारे भी लगाए। कैदियों ने बाबा के स्वागत में बड़ी-बड़ी फूलों की रंगोलियां भी बनाई। महिला कैदियों ने भजन कीर्तन भी किया।
काल भैरव की सवारी के बारे में पुजारी ऐश्वर्य चतुर्वेदी ने बताया कि जन्मोत्सव के अगले दिन बाबा की पगड़ी बदलने का परंपरा है। इसके बाद काल भैरव की सवारी निकलती है। नगर भ्रमण के दौरान सभी के कल्याण के लिए भगवान कालभैरव से प्रार्थना की जाती है। बाबा की प्रतिमा पालकी में विराजित कराने के बाद सवारी प्रारंभ होती है। इस दौरान सवारी के साथ सशस्त्र जवान, बैंड, ढोल, ध्वज, घोड़े, बग्घी और भक्त भी शामिल होते हैं।