कोरोना महामारी में प्लेसमेंट में विश्वविद्यालय ने तोड़ा रिकॉर्ड, छात्रों की हुई उन्नति

Edited By meena, Updated: 14 Feb, 2022 07:15 PM

university breaks record in placement in corona epidemic

पूरी दुनिया जहां कोरोना के वायरस से लड़ रही थी, कइयों को नौकरी चली गई कइयों के काम धंदे बंद हो गए। वही मध्यप्रदेश के स्टूडेंट हब कहे जाने वाले इंदौर में एक देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर पढ़ाई को लेकर तो लगभग पूरी दुनिया में जाना जाता है लेकिन...

इंदौर(सचिन बहरानी): पूरी दुनिया जहां कोरोना के वायरस से लड़ रही थी, कइयों को नौकरी चली गई कइयों के काम धंदे बंद हो गए। वही मध्यप्रदेश के स्टूडेंट हब कहे जाने वाले इंदौर में एक देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर पढ़ाई को लेकर तो लगभग पूरी दुनिया में जाना जाता है लेकिन कोरोना कॉल के दौरान छात्रों को प्लेसमेंट में भी विश्वविद्यालय ने बाजी मारी है। उसी का नतीजा है कि कोरोना के दौरान भी हजारों की तादाद में छात्रों के प्लेसमेंट बड़ी कंपनियों में हुए हैं जो कि काबिले तारीफ है।

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कोविड के दौर में भी प्रदेश के सबसे बड़े शैक्षणिक संस्थान देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में टीचिंग विभागों में एक साल के अंदर रिकॉर्ड तोड 1 हजार छात्रों को नौकरी मिली है। कुल 32 विभागों में आईईटी यानी इंस्टि्टयूट ऑफ टेक्नोलॉजी में सबसे ज्यादा 734 जॉब ऑफर हुए। इनमें करीब 250 छात्र ऐसे थे, जिन्हें 2 से 3 कंपनियों ने जॉब ऑफर किए गए, लेकिन उन्होंने अपनी पसंद का ऑफर चुना। इस तरह यहां के कुल 403 छात्रों का प्लेसमेंट हुआ। इसी संस्थान की छात्रा को अधिकतम पैकेज 56 लाख मिला,जो यूनिवर्सिटी के इतिहास में सबसे ज्यादा पैकेज रहा,ये पैकेज आईआईएम इंदौर के 49 लाख रुपए के पैकेज से ज्यादा है,वहीं औसत पैकेज 6 लाख तक पहुंच गया,मैनेजमेंट और कम्प्यूटर साइंस विभाग में भी बड़ी संख्या में छात्रों को जॉब मिली है। यूनिवर्सिटी के सेंट्रल प्लेसमेंट के प्रो. सुरेश पाटीदार और अवनीश व्यास के मुताबिक 90 फीसदी कंपनियों ने ऑनलाइन ही प्रक्रिया पूरी की वहीं प्लेसमेंट के लिए कई विदेशी कंपनियां आईं। इसमें डिलॉइट, केपीएमजी, हैडिल बर्ग, न्यू सिग्मा, वीएम वेयर, टीसीएस, कोलगेट शामिल हैं।
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विश्वविद्यालय से मिले बेहतर प्लेसमेंट को लेकर छात्र-छात्राओं से भी इस बारे में जानना चाहा तो छात्रों ने अपनी मेहनत के साथ साथ प्लेसमेंट कोर कमेटी और देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के अधिकारियों की मेहनत को इसका मुख्य कारण बताया...साल 2020, 21 में जहां एक ओर जहां कोरोना महामारी के चलते आमजन बीमारी से लड़ रहा था। ऐसे में रिकार्ड तोड़ प्लेसमेंट होना इंदौर ही नहीं पूरे देश भर में तारीफ के काबिल काम है और इसकी प्रशंसा की जानी चाहिए।

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