Edited By Devendra Singh, Updated: 05 May, 2022 05:17 PM
जयारोग्य चिकित्सालय (jayarogya hospital gwalior) के पोस्टमार्टम भवन में रखा कोरोना के संदिग्ध (suspected death body) मरीज के शव बदलने के मामले में मृतक की पत्नी ने कोर्ट में 40 लाख का दावा पेश किया है।
ग्वालियर (अंकुर जैन): जयारोग्य चिकित्सालय (jayarogya hospital gwalior) के पोस्टमार्टम भवन में रखा कोरोना के संदिग्ध (suspected death body) मरीज के शव बदलने के मामले में मृतक की पत्नी ने कोर्ट में 40 लाख का दावा पेश किया है। मृतक की पत्नी ने कहना है कि उसका पति, सब्जी और फल का ठेला लगाता था। उनकी आय का कोई साधन नहीं है। मामला मुरैना के गणेशपुरा में रहने वाली नफीस बेगम का है। उन्होंने अपने पति इरतजा मोहम्मद की मौत के लिए इलाज में लापरवाही के साथ-साथ शरीर के कई अंग बेचने जैसे गंभीर आरोप लगाए थे।
लापरवाही की वजह से गलत शव का हो गया था अंतिम संस्कार
दावे में प्रमुख सचिव स्वास्थ्य, कलेक्टर, जेएएच के अधीक्षक, डिमांस्ट्रेटर डॉ. हीरालाल मांझी और डॉ. अश्विनी पांडेय तथा प्रदीप बाथम को प्रतिवादी बनाया है। दावे की प्रति स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मनीष शर्मा के ऑफिस में पहुंची है। मुरैना की इरतजा मोहम्मद की मौत 13 अगस्त 2020 को हुई थी। वहीं ग्वालियर के शिंदे की छावनी निवासी सुरेश चंद्र बाथम की मौत 14 अगस्त 2020 को हुई थी। इन दोनों कोरोना संदिग्ध मरीजों के शव पोस्टमार्टम हाउस में रखे थे। इनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई थी। सुरेश की जगह परिजन इरतजा का शव ले गए और अंतिम संस्कार कर दिया था। जिसको लेकर उस समय जमकर बबाल भी मच था। लेकिन अब इस मामले में पीड़ित ने न्याय की गुहार लगाते हुए 40 लाख रूपये हर्जाने के रूप में मांगे हैं।