Edited By Jagdev Singh, Updated: 25 Nov, 2019 01:04 PM
जिला कलेक्टर कार्यालय में जनसुनवाई के दौरान आत्मदाह करने वाले युवक अनिल बरार की सोमवार की सुबह इलाज के दौरान जयारोग्य अस्पताल में मौत हो गई। प्रशासन ने तत्काल पोस्टमाॅर्टम कराने के बाद शव को उसके घर भितरवार भेज दिया है। घटना वाले दिन मृतक ने कब्जे...
ग्वालियर (अंकुर जैन): जिला कलेक्टर कार्यालय में जनसुनवाई के दौरान आत्मदाह करने वाले युवक अनिल बरार की सोमवार की सुबह इलाज के दौरान जयारोग्य अस्पताल में मौत हो गई। प्रशासन ने तत्काल पोस्टमाॅर्टम कराने के बाद शव को उसके घर भितरवार भेज दिया है। घटना वाले दिन मृतक ने कब्जे में ली हुई जमीन मामले में भितरवार के एक पार्षद पर जबरन हटाने और धमकी देने का आरोप लगाया था। प्रशासन इसकी जांच कर रहा था, जबकि परिजनों का आरोप है कि नगर पालिका अध्यक्ष और उसके चमचे जमीनों पर कब्जा कर बेच रहे हैं। उन्होंने मृतक को जान से मारने कर धमकी दी थी।
पिछले 19 नवंबर मंगलवार को जब कलेक्टर कार्यालय में जनसुनवाई चल रही थी। उस समय भितरवार के वार्ड न. 11 में रहने वाले युवक अनिल बरार ने अचानक हॉल में आग लगाकर दाखिल हुआ जिससे हंगामा मच गया। वहीं इसके बाद किसी तरह वहां मौजूद लोगों ने इसके कपड़े उतारे और शरीर पर लगी आग बुझाई। अधिकारियों ने तुरंत उसे घायल अवस्था में जयारोग्य अस्पताल भेजा।
अस्पताल के बर्न यूनिट में युवक का इलाज चल रहा था। जहां सोमवार को उसकी मौत हो गई। मृतक युवक के परिजनों ने बताया कि नगर पालिका अध्यक्ष दलाल कल्लू ने जमीन मामले में अनिल को गर्दन काटकर मारने की धमकी दी थी। इसके बाद एसडीएम को शिकायत दी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। अनिल को उसकी मजदूरी के पैसे भी नहीं दिए थे। यही वजह है कि अनिल ने खुद को आग लगाई थी। इसलिए उसकी मौत के जिम्मेदार यही लोग हैं।
वहीं पुलिस ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि 19 नवंबर को जली हुई हालत में मृतक युवक अनिल बरार को जयारोग्य अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां इलाज के दौरान अनिल की मौत हो गई। पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है। वहीं प्रशासन ने इस मामले के बारे में बताया कि जांच में पाया गया है कि जिस जमीन पर विवाद था वह सरकारी है। शासकीय भूखंड भी मृतक और उसके भाईयों ने नोटरी से बेचे हैं। इस सरकारी जमीन को लेकर ही आपस में विवाद था।